Khabar21
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Reading: राजस्थान में टीबी की पहचान अब कफ सिरप खरीद से, फोन नंबर देना होगा अनिवार्य
Share
Aa
Aa
Khabar21
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Search
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Follow US
Khabar21 > Blog > बीकानेर > राजस्थान में टीबी की पहचान अब कफ सिरप खरीद से, फोन नंबर देना होगा अनिवार्य
बीकानेर

राजस्थान में टीबी की पहचान अब कफ सिरप खरीद से, फोन नंबर देना होगा अनिवार्य

editor
editor Published August 27, 2025
Last updated: 2025/08/27 at 5:01 PM
Share
SHARE
Chat on WhatsApp
Share News

राजस्थान में टीबी का गुप्त संकट: ICMR रिपोर्ट में खुलासा, कफ सिरप से ट्रेस होंगे मरीज

Contents
आईसीएमआर का पायलट प्रोजेक्ट: हर मेडिकल स्टोर से जुटेगा डेटाड्रग डिपार्टमेंट की बड़ी भूमिका, मरीजों की पहचान का नया तरीकासात गुना ज्यादा टीबी मरीज, रिपोर्टिंग नहीं कर रहे लोगटीबी मुक्त पंचायतें, लेकिन जागरूकता की भारी कमीक्या है टीबी और इसके लक्षण?जांच और इलाज की प्रक्रियाराष्ट्रीय विस्तार की तैयारी, पूरे देश में लागू होगा मॉडल

जयपुर | 27 अगस्त 2025:
राजस्थान में टीबी (क्षय रोग) के मरीजों की वास्तविक संख्या सरकारी रजिस्ट्रेशन से सात गुना अधिक हो सकती है। यह चौंकाने वाला खुलासा इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, बड़ी संख्या में लोग बिना डॉक्टर की सलाह के कफ सिरप के जरिए खुद ही टीबी का इलाज करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे न केवल रोग छिपा रह जाता है, बल्कि संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है।

अब राज्य में कफ सिरप खरीदने पर फोन नंबर और पता देना अनिवार्य किया जा रहा है, जिससे संभावित टीबी मरीजों की पहचान की जा सके।


आईसीएमआर का पायलट प्रोजेक्ट: हर मेडिकल स्टोर से जुटेगा डेटा

राजस्थान में ICMR ने पहली बार एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसके तहत 33 जिलों के मेडिकल स्टोर्स से कफ सिरप की बिक्री का डेटा एकत्र किया जा रहा है।
प्रोजेक्ट की प्रभारी डॉ. कलिका ने बताया कि यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि सर्वे में सामने आया कि कफ सिरप की बिक्री में गैर-सामान्य वृद्धि हो रही है और यह टीबी के अघोषित मामलों का संकेत हो सकता है।

- Advertisement -

ड्रग डिपार्टमेंट की बड़ी भूमिका, मरीजों की पहचान का नया तरीका

राज्य के ड्रग डिपार्टमेंट और चिकित्सा विभाग की मदद से इस डेटा का विश्लेषण कर संभावित टीबी मरीजों की पहचान की जाएगी।

  • ड्रग कंट्रोलर राजा राम शर्मा के अनुसार, अब हर मेडिकल स्टोर को निर्देश दिए जाएंगे कि

    • कफ सिरप खरीदने वाले हर ग्राहक का नाम, फोन नंबर और पता दर्ज किया जाए

    • इन जानकारियों के आधार पर विभाग संभावित मरीजों तक पहुंचकर जांच और स्क्रीनिंग करेगा

राजस्थान में फिलहाल करीब 60,000 मेडिकल स्टोर्स हैं जो इस योजना के दायरे में आएंगे।


सात गुना ज्यादा टीबी मरीज, रिपोर्टिंग नहीं कर रहे लोग

डॉ. कलिका ने बताया कि सर्वे के दौरान पता चला कि रजिस्टर्ड मरीजों की तुलना में टीबी के वास्तविक मरीजों की संख्या सात गुना ज्यादा हो सकती है।
कई लोग डर, जानकारी की कमी या सामाजिक दबाव के चलते बीमारी छिपा रहे हैं। ये मरीज सीधे मेडिकल स्टोर्स से कफ सिरप खरीदकर इलाज करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे टीबी जैसे संक्रामक रोग को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है।


टीबी मुक्त पंचायतें, लेकिन जागरूकता की भारी कमी

राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 2024 में 3,355 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है, जो पिछले साल (586) की तुलना में बड़ी उपलब्धि है।
फिर भी ग्रामीण इलाकों में टीबी के प्रति जागरूकता की भारी कमी बनी हुई है। लोग अब भी बीमारी के लक्षणों को नजरअंदाज कर खुद इलाज की राह चुन रहे हैं।


क्या है टीबी और इसके लक्षण?

टीबी (क्षय रोग) एक गंभीर संक्रामक रोग है जो मायकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया से फैलता है।
मुख्य लक्षण:

  • तीन सप्ताह से अधिक समय तक लगातार खांसी

  • शाम को बुखार का बढ़ना

  • सीने में दर्द

  • वजन कम होना

  • भूख में कमी

  • बलगम में खून आना

जोखिम बढ़ाने वाले कारण:

  • धूम्रपान

  • वायु प्रदूषण

  • कमजोर इम्यून सिस्टम

  • मधुमेह या एचआईवी से ग्रसित व्यक्ति

  • कुपोषण

अन्य अंगों पर असर:
टीबी आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन यह मस्तिष्क, आंत, गुर्दे, हड्डियां, जोड़ आदि को भी संक्रमित कर सकता है।


जांच और इलाज की प्रक्रिया

टीबी की पुष्टि के लिए:

  • एक्स-रे, बलगम जांच, FNAC, बायोप्सी, CT स्कैन जैसे परीक्षण किए जाते हैं

  • टीबी का इलाज लंबे समय (6-9 महीने) तक चलता है और विशेष दवाओं की आवश्यकता होती है


राष्ट्रीय विस्तार की तैयारी, पूरे देश में लागू होगा मॉडल

यदि राजस्थान में यह प्रोजेक्ट सफल रहता है, तो ICMR इसे देशभर में लागू करेगा। इससे भारत में टीबी के अनरजिस्टर्ड और छिपे मरीजों की पहचान करना आसान होगा और संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सकेगा।


Share News

editor August 27, 2025
Share this Article
Facebook TwitterEmail Print

Latest Post

शिक्षित परिवार पर अनपढ़ दंपती से जमीन हड़पने का आरोप
बीकानेर
बीकानेर में बंद मकान से महिला डॉक्टर का सड़ा-गला शव बरामद, पुलिस जांच में जुटी
बीकानेर
बीकानेर से पांच ज्योतिर्लिंगों के लिए वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा ट्रेन रवाना
बीकानेर
राजस्थान में चार दिन बाद खत्म हुई निजी स्लीपर बसों की हड़ताल, संचालन फिर शुरू
राजस्थान
महादेव ऐप: सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को फरार आरोपी उप्पल का पता लगाने का आदेश दिया
देश-दुनिया
कपिल मुनि मेले में उमड़ी श्रद्धा की भीड़, देर रात तक भक्ति और दीपदान का आलोक
बीकानेर
सरकार से सहमति के बाद बस संचालकों की हड़ताल खत्म, आज से बसें सड़कों पर लौटेंगी
बीकानेर
जयपुर हादसा: नशे में था डंपर चालक, बोला- पैर एक्सीलेरेटर पर था, याद कुछ नहीं
जयपुर राजस्थान

You Might Also Like

बीकानेर

शिक्षित परिवार पर अनपढ़ दंपती से जमीन हड़पने का आरोप

Published November 5, 2025
बीकानेर

बीकानेर में बंद मकान से महिला डॉक्टर का सड़ा-गला शव बरामद, पुलिस जांच में जुटी

Published November 5, 2025
बीकानेर

बीकानेर से पांच ज्योतिर्लिंगों के लिए वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा ट्रेन रवाना

Published November 5, 2025
बीकानेर

कपिल मुनि मेले में उमड़ी श्रद्धा की भीड़, देर रात तक भक्ति और दीपदान का आलोक

Published November 5, 2025
Khabar21
Follow US

© Copyright 2022, All Rights Reserved Khabar21 | Designed by Uddan Promotions Pvt. Ltd.

  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
Join WhatsApp Group

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?