बरेली में मजीद गिरोह का बड़ा खुलासा: देशभर में फैला नेटवर्क, विदेशी कनेक्शन पर जांच जारी
बरेली | 27 अगस्त 2025:
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में धर्मांतरण कराने वाले एक बड़े गिरोह का खुलासा हुआ है, जिसकी जड़ें देशभर में फैली हुई हैं। पुलिस की जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी अब्दुल मजीद और उसके साथियों ने विभिन्न राज्यों में यात्रा कर लोगों को बहलाकर धर्म परिवर्तन कराया। गिरोह के पास 21 बैंक खातों में लाखों का लेन-देन मिला है और विदेशी फंडिंग की आशंका ने जांच एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।
छांगुर गिरोह जैसी गतिविधियां, लेकिन अब तक सीधा संबंध नहीं
पुलिस का मानना है कि बरेली में सक्रिय अब्दुल मजीद का गिरोह कार्यप्रणाली के लिहाज से बलरामपुर के छांगुर गिरोह से मिलता-जुलता है। हालांकि, अभी तक इन दोनों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं मिला है। अधिकारी मानते हैं कि भविष्य की जांच में इनके तार जुड़ सकते हैं।
बैंक खातों और पैसों का जाल
पुलिस ने मजीद और उसकी पत्नी के नाम पर 13 लाख से ज्यादा के लेनदेन वाले पांच बैंक खाते और उसके साथियों के कुल 21 खाते बरामद किए हैं। खास बात यह है कि दर्जी का काम करने वाले आरोपी सलमान के नाम पर 12 खाते मिले हैं, जिनमें से 6 उसकी पत्नी के नाम पर हैं। इन खातों में जमा रकम उनकी आय से कई गुना अधिक है।
अन्य आरोपियों में:
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आरिफ और फहीम के नाम दो-दो बैंक खाते मिले
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सभी खातों की लेन-देन रिपोर्ट जांच के दायरे में
सोशल मीडिया बना हथियार
गिरोह के सदस्य सोशल मीडिया पर सक्रिय थे।
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कई व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप बनाए गए
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ग्रुप में जाकिर नाइक और पाकिस्तानी धर्मगुरु ER मिर्ज़ा के ऑडियो-वीडियो साझा किए जाते
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हिंदू लेखकों का मुस्लिम झुकाव वाला साहित्य और कुछ लड़कियों की फोटो-वीडियो शेयर की जाती
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टारगेट किए गए हिंदू युवकों से प्राइवेट चैट के ज़रिए मानसिक प्रभाव डाला जाता
कैसे चुनते थे शिकार?
गिरोह ने एक सुनियोजित रणनीति के तहत टारगेट चुने:
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तलाकशुदा या मानसिक तनाव झेल रहे लोग
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समाज से अलग-थलग रहने वाले व्यक्ति
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धार्मिक असंतोष या भावनात्मक असुरक्षा का फायदा उठाया
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मूल धर्म को समस्याओं की जड़ बताया
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पाकिस्तानी और कट्टरपंथी प्रचारकों की वीडियो से मानसिक बदलाव लाने की कोशिश
लालच के जरिये धर्म परिवर्तन
गिरोह आर्थिक और सामाजिक प्रलोभन देकर धर्मांतरण को बढ़ावा देता था:
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नकद पैसे, मोबाइल फोन, कपड़े और खाने की सुविधा
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नौकरी और शादी का लालच
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शादी से जुड़े दस्तावेज और वीडियो सबूत भी मिले
धार्मिक संसाधन और डिजिटल सबूत बरामद
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नमाज़ की किताबें, ताबीज़, हरे रंग की माला
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मोबाइल फोन, लैपटॉप में कट्टरपंथी सामग्री
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सोशल मीडिया चैट, विदेशी संपर्क, वीडियो क्लिप्स
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गिरोह से जुड़े लोगों के परिचय-पत्र, नंबर और सोशल लिंक
विदेशी फंडिंग पर नजर, जांच एजेंसियां सतर्क
एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने जानकारी दी कि मजीद और गिरोह के कई सदस्यों ने देश के अलग-अलग हिस्सों की यात्रा की है। विदेश यात्रा का कोई स्पष्ट रिकॉर्ड अभी नहीं मिला है, लेकिन बैंक खातों में संदिग्ध लेन-देन और सोशल मीडिया कनेक्शन के चलते विदेशी फंडिंग की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
जांच का दायरा बढ़ा, और गिरफ्तारी संभव
पुलिस की ओर से बताया गया कि:
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मोबाइल डाटा और कॉल डिटेल्स की गहराई से जांच जारी है
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नए संदिग्धों की पहचान की जा रही है
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जल्द ही गिरोह से जुड़े और लोगों की गिरफ्तारी संभव है
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यदि कोई अंतरराष्ट्रीय फंडिंग सामने आती है, तो केंद्रीय एजेंसियों को भी जांच में शामिल किया जाएगा