अमेरिका में किशोर की आत्महत्या के बाद OpenAI पर मुकदमा, ChatGPT की भूमिका पर उठे सवाल
कैलिफोर्निया | 27 अगस्त 2025:
कैलिफोर्निया में एक 16 वर्षीय किशोर की आत्महत्या के बाद उसके परिवार ने ओपनएआई और उसके लोकप्रिय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट चैटजीपीटी के खिलाफ लापरवाही और प्रोडक्ट लायबिलिटी के तहत मुकदमा दायर किया है। परिवार का आरोप है कि चैटजीपीटी ने मानसिक संकट में पड़े किशोर को सहायता देने के बजाय आत्मघाती विचारों को बढ़ावा दिया, जिसके चलते उसकी जान चली गई।
क्या है पूरा मामला?
परिवार की ओर से दर्ज मुकदमे में बताया गया है कि मृतक किशोर पिछले कुछ समय से मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहा था। वह अक्सर इंटरनेट और चैटबॉट्स का सहारा लेता था, और उसी दौरान उसने चैटजीपीटी से बातचीत की।
परिवार का आरोप है कि किशोर ने चैटजीपीटी के साथ अपने आत्मघाती विचार साझा किए, लेकिन चैटबॉट ने उसे किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर या संकट हेल्पलाइन की सलाह देने की बजाय, उसकी नकारात्मक सोच को वैधता दी।
कैलिफोर्निया की अदालत में मुकदमा दर्ज
यह मामला कैलिफोर्निया की एक जिला अदालत में दर्ज किया गया है। परिवार ने अदालत से अनुरोध किया है कि ओपनएआई को उसकी लापरवाही और अपर्याप्त सुरक्षा उपायों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए।
प्रमुख आरोपों में शामिल हैं:
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चैटजीपीटी ने मानसिक संकट के संकेतों की पहचान नहीं की।
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किशोर को पेशेवर मदद लेने की सलाह नहीं दी गई।
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कंपनी ने संभावित मानसिक स्वास्थ्य जोखिमों को लेकर उपयोगकर्ताओं को पर्याप्त चेतावनी नहीं दी।
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उत्पाद को इस तरह से डिजाइन नहीं किया गया था कि वह संवेदनशील मुद्दों को सुरक्षित ढंग से संभाल सके।
परिवार की कानूनी मांगें
परिवार के वकीलों का कहना है कि इस तरह के चैटबॉट्स को ऐसे मामलों में मानव हस्तक्षेप के लिए तैयार रहना चाहिए, जहां उपयोगकर्ता आत्मघाती विचारों की बात कर रहे हों। उनका कहना है कि अगर चैटजीपीटी ने संकट के समय उचित प्रतिक्रिया दी होती, तो शायद किशोर की जान बच सकती थी।
ओपनएआई की प्रतिक्रिया अभी तक नहीं
इस गंभीर मामले पर अब तक ओपनएआई की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि, पहले जारी किए गए उनके नीति दस्तावेजों में कहा गया है कि चैटजीपीटी को उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित, संवेदनशील और सहायक जानकारी देने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
लेकिन इस मामले में यह सवाल बना हुआ है कि क्या चैटजीपीटी ने कंपनी के निर्धारित सुरक्षा मानकों का पालन किया या नहीं।
तकनीकी विशेषज्ञों और मानसिक स्वास्थ्य संगठनों की चिंता
इस घटना ने वैश्विक स्तर पर तकनीकी और नैतिक बहस को जन्म दे दिया है। कई मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और तकनीकी विश्लेषक मानते हैं कि एआई टूल्स को ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर और अधिक संवेदनशीलता से प्रतिक्रिया देने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
विशेषज्ञों के सुझाव:
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एआई को संकट के संकेतों की पहचान करने की क्षमता दी जानी चाहिए।
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ऐसे मामलों में चैटबॉट को तत्काल हेल्पलाइन नंबर या मानव विशेषज्ञ से जोड़ना चाहिए।
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चैटबॉट उपयोगकर्ताओं को यह स्पष्ट चेतावनी दें कि यह थेरेपिस्ट या काउंसलर का विकल्प नहीं है।