सत्ता-संगठन संवाद में विकास की दिशा तय, जमीनी मुद्दों पर जनप्रतिनिधियों ने जताई चिंता
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के विकास को रफ्तार देने के उद्देश्य से सोमवार को सांसदों और विधायकों के साथ दो दिवसीय संवाद कार्यक्रम की शुरुआत की। बैठक का मुख्य फोकस “विकसित राजस्थान 2047” की रूपरेखा पर था, जिसमें प्रदेश को अगले दो दशकों में विकास के हर पैमाने पर अग्रणी बनाने के संकल्प पर चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा में लाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिजली और पानी की निरंतर और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।
जनप्रतिनिधियों ने उठाए ये जमीनी मुद्दे
लोकसभा क्षेत्रवार संवाद के दौरान जनप्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्रों से जुड़े स्थानीय मुद्दों और जरूरतों को प्रमुखता से उठाया। खासतौर पर स्कूलों की जर्जर स्थिति, हाल की अतिवृष्टि से फसलों और ढांचे को हुए नुकसान, और खाद-बीज की अनुपलब्धता जैसे विषयों पर चिंता जाहिर की गई।
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जनप्रतिनिधियों ने सरकार से इन समस्याओं के स्थायी समाधान की मांग की और सुझाव दिए कि योजनाओं के क्रियान्वयन में स्थानीय ज़रूरतों का विशेष ध्यान रखा जाए।
जनसंपर्क को सशक्त करने पर विशेष जोर
सीएम भजनलाल शर्मा ने पार्टी प्रतिनिधियों से स्पष्ट शब्दों में कहा कि विपक्ष द्वारा गढ़े गए नरेटिव को तोड़ने के लिए जनता से सीधा जुड़ाव बेहद ज़रूरी है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को अपने-अपने क्षेत्रों में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने और योजनाओं की प्रगति जनता तक पहुंचाने की अपील की।
भविष्य की योजनाओं और कार्यक्रमों की घोषणा
बैठक के दौरान पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और वरिष्ठ भाजपा नेता अशोक परनामी ने बताया कि राज्य सरकार ने पिछले दो बजटों की 80% घोषणाओं को अमल में ला दिया है।
इसके साथ ही आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा भी साझा की गई, जिनमें शामिल हैं:
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16 सितंबर से 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा
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29 सितंबर से 31 अक्टूबर तक सांसद खेल महोत्सव
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सरदार पटेल जयंती के अवसर पर प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में 150 किमी की पदयात्रा
भविष्य के लिए एकजुटता का संदेश
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पार्टी संगठन को आने वाले निकाय और पंचायत चुनावों के लिए पूरी एकजुटता के साथ काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार और संगठन का समन्वय ही राज्य को विकसित राजस्थान बनाने के लक्ष्य की ओर ले जाएगा।