भारतीय उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के बाद अब बैंक ऑफ इंडिया (BOI) ने भी अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों — रिलायंस कम्युनिकेशन और रिलायंस टेलीकॉम — के खातों को ‘फ्रॉड’ घोषित कर दिया है। बैंक का आरोप है कि ऋण की राशि का उपयोग निर्धारित उद्देश्यों के बजाय अन्य कार्यों में किया गया।
BOI ने भेजा नोटिस, फ्रॉड घोषित किया
रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड को 22 अगस्त 2025 को बैंक ऑफ इंडिया से 8 अगस्त की तारीख वाला एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें कंपनी और प्रमोटर अनिल अंबानी को 724.78 करोड़ रुपये की बकाया राशि के मामले में धोखाधड़ी के तहत चिह्नित किया गया है। नोटिस में कहा गया है कि यह खाता 30 जून 2017 को एनपीए घोषित किया गया था और बैंक लगातार वसूली के प्रयास कर रहा है, लेकिन उधारकर्ता भुगतान में असफल रहे हैं और सहयोग नहीं कर रहे हैं।
अन्य निदेशक और कंपनियां भी चिह्नित
रिलायंस टेलीकॉम को भेजे गए एक अन्य नोटिस में BOI ने 51.77 करोड़ रुपये के लोन चूक के चलते कंपनी के साथ-साथ निदेशकों — ग्रेस थॉमस और सतीश सेठ — को भी ‘फ्रॉड’ घोषित किया है। इसके अतिरिक्त, गौतम भाईलाल दोषी, दगदुलाल कस्तूरीचंद जैन और प्रकाश शेनॉय के नाम भी इस मामले में शामिल किए गए हैं।
सीबीआई की कार्रवाई और अंबानी का जवाब
शनिवार को सीबीआई ने अनिल अंबानी के आवास पर छापेमारी की। इसके जवाब में कंपनी के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि यह मामला एक दशक पुराना है, और उस समय अनिल अंबानी केवल गैर-कार्यकारी निदेशक थे, जिनकी कंपनी के रोज़मर्रा के संचालन से कोई सीधी भूमिका नहीं थी।
- Advertisement -
प्रवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि एसबीआई ने इसी मामले में अन्य पांच गैर-कार्यकारी निदेशकों पर कार्रवाई वापस ले ली थी, लेकिन केवल अनिल अंबानी को निशाना बनाया जा रहा है, जो पक्षपातपूर्ण रवैया प्रतीत होता है।
मामला अभी न्यायिक प्रक्रिया में लंबित
वर्तमान में रिलायंस कम्युनिकेशंस की कमान ऋणदाताओं की एक समिति के पास है, जिसका नेतृत्व एसबीआई कर रही है। कंपनी की निगरानी एक नियुक्त समाधान पेशेवर (Resolution Professional) के तहत की जा रही है। यह मामला पिछले छह वर्षों से एनसीएलटी, सुप्रीम कोर्ट सहित विभिन्न न्यायिक मंचों पर लंबित है।
मुख्य बिंदु:
-
BOI ने अनिल अंबानी, उनकी कंपनियों और निदेशकों को ‘फ्रॉड’ घोषित किया
-
रिलायंस कम्युनिकेशन पर 724.78 करोड़ और रिलायंस टेलीकॉम पर 51.77 करोड़ की देनदारी
-
फंड का गलत उपयोग और लोन चुकाने में विफलता का आरोप
-
सीबीआई ने अंबानी के घर छापा मारा
-
कंपनी का दावा: अंबानी की भूमिका सीमित थी, कार्रवाई पक्षपातपूर्ण है
-
मामला अभी न्यायिक प्रक्रिया में विचाराधीन है
यह घटनाक्रम उद्योग और बैंकिंग क्षेत्र दोनों में बड़ी हलचल का संकेत है, जिसका असर कानूनी, कारोबारी और राजनीतिक मोर्चों पर पड़ सकता है।