राजस्थान में निजी अस्पतालों का बड़ा फैसला, 25 अगस्त से बंद कर सकते हैं आरजीएचएस सेवाएं
जयपुर | राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों और उनके परिजनों के लिए बड़ी चिंता की खबर है। प्रदेश के करीब 700 निजी अस्पतालों ने राजस्थान सरकारी स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) के तहत अपनी सेवाएं 25 अगस्त से बंद करने की चेतावनी जारी की है।
राजस्थान एलायंस ऑफ ऑल हॉस्पिटल एसोसिएशन ने गुरुवार को एक पत्र जारी कर सरकार को सूचित किया कि यदि तय समय तक भुगतान में सुधार नहीं हुआ और बिलों की मनमानी कटौती नहीं रुकी, तो वे आईपीडी, ओपीडी और दवा वितरण जैसी सभी सेवाएं आरजीएचएस के अंतर्गत रोक देंगे।
बार-बार शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि पिछले कई महीनों से आरजीएचएस पोर्टल पर भुगतान में लगातार देरी हो रही है। इसके साथ ही, कई बार बिलों में बिना कारण कटौती की जा रही है, जिससे निजी अस्पताल और फार्मेसी संचालक आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
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उन्होंने बताया कि कई बार स्वास्थ्य विभाग और शासन सचिव को ज्ञापन सौंपकर समाधान की मांग की गई, लेकिन हर बार आश्वासन देकर बात टाल दी गई।
पहले भी दी थी चेतावनी, अब समय सीमा तय
उल्लेखनीय है कि इससे पहले जुलाई 2025 में भी निजी अस्पतालों ने आरजीएचएस के तहत सेवाएं बंद करने की घोषणा की थी। हालांकि, 14 जुलाई को प्रमुख शासन सचिव से हुई बैठक के बाद उन्होंने अस्थायी रूप से निर्णय टाल दिया था। लेकिन अब एसोसिएशन का कहना है कि अगर 25 अगस्त तक कोई ठोस समाधान नहीं आया, तो वे सेवाएं पूरी तरह बंद कर देंगे।
7 लाख से अधिक लाभार्थियों पर असर
राज्यभर में करीब 7 लाख सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स आरजीएचएस के लाभार्थी हैं। ऐसे में यदि निजी अस्पताल योजना से बाहर हो जाते हैं, तो सरकारी अस्पतालों पर भारी दबाव पड़ेगा और कर्मचारियों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ेगा।
निष्कर्ष:
सरकार और अस्पताल संचालकों के बीच विवाद अब टकराव की स्थिति तक पहुंच गया है। यदि तत्काल समाधान नहीं निकला, तो 25 अगस्त से सरकारी कर्मचारियों को निजी अस्पतालों में इलाज, दवा और जांच संबंधी सेवाओं से वंचित होना पड़ सकता है।
सरकार को अब इस मुद्दे पर तुरंत हस्तक्षेप कर निजी संस्थानों की शिकायतों का समाधान करना होगा, वरना यह संकट स्वास्थ्य सुविधाओं पर सीधा असर डालेगा।