नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित दो जीएसटी टैक्स स्लैब (12% और 28%) को समाप्त करने की योजना को छह सदस्यीय मंत्री समूह (GoM) ने अपनी मंजूरी दे दी है। अब वस्तु एवं सेवा कर (GST) को दो सरल दरों—5% और 18%—में समाहित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जो इस मंत्री समूह की अध्यक्षता कर रहे हैं, ने गुरुवार को बताया कि केंद्र द्वारा दर युक्तिकरण के लिए लाए गए इस प्रस्ताव को समर्थन मिला है और इसे जल्द ही जीएसटी परिषद के सामने रखा जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से जीएसटी दरों में बदलाव के संकेत दिए थे, जो अब तेजी से अमल की ओर बढ़ रहे हैं।
केंद्र के प्रस्ताव की मुख्य बातें:
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12% स्लैब में आने वाली 99% वस्तुओं को 5% स्लैब में लाया जाएगा।
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28% स्लैब की 90% वस्तुएं 18% स्लैब में जाएंगी।
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केवल ‘सिन गुड्स’ (जैसे लग्जरी कारें, तंबाकू उत्पाद आदि) पर 40% की विशेष दर प्रस्तावित है।
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इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाला टैक्स 18% से घटाकर 5% या शून्य किया जा सकता है।
क्या-क्या होगा सस्ता:
GST स्लैब में बदलाव के चलते निम्नलिखित उत्पादों के दाम घट सकते हैं:
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खाद्य उत्पाद: भुजिया, नमकीन, आलू चिप्स, केचअप, जैम, मायोनीज़, पैक्ड जूस, पास्ता, नूडल्स, बटर चीज़, घी, कंडेंस्ड मिल्क।
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घरेलू सामान: टूथ पाउडर, छोटे टीवी, एसी।
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वाहन: छोटी कारें और टू-व्हीलर।
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इंश्योरेंस: हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर टैक्स दरें घट सकती हैं।
राज्यों की राय और अगला कदम:
कुछ राज्यों ने इस बदलाव पर आंशिक आपत्तियां जताई हैं, लेकिन जीओएम ने बहुमत से प्रस्ताव का समर्थन किया है। अब इस प्रस्ताव को अंतिम निर्णय के लिए GST परिषद के समक्ष रखा जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि दरों के सरलीकरण से मध्यम वर्ग, किसानों और MSMEs को सीधा लाभ मिलेगा।
यह निर्णय अगर पारित होता है तो भारतीय कर प्रणाली अधिक सरल, पारदर्शी और विकासोन्मुखी बन सकती है, जिससे उपभोक्ताओं और छोटे व्यापारियों दोनों को राहत मिलेगी।