जयपुर। राजस्थान में शहरी निकाय और पंचायत चुनावों को लेकर सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच टकराव गहराता जा रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग आज (गुरुवार) इन चुनावों को लेकर गाइडलाइन जारी कर सकता है, जिसमें वोटर लिस्ट अपडेट, चुनावी तैयारियां और संभावित शेड्यूल की जानकारी शामिल हो सकती है।
विवाद की जड़ ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की नीति है। राज्य सरकार इस नीति के तहत दिसंबर 2025 में सभी 309 शहरी निकायों के चुनाव एक साथ कराने की योजना बना रही है। वहीं राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने हाईकोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा है कि जिन पंचायतों और निकायों का कार्यकाल पूरा हो चुका है या होने वाला है, उनमें दो महीनों के भीतर चुनाव अनिवार्य हैं।
गुप्ता ने साफ किया कि फिलहाल ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ व्यावहारिक नहीं है, क्योंकि पंचायतों के कार्यकाल अलग-अलग वर्षों (2026 व 2027) में समाप्त हो रहे हैं।
UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बयान देते हुए कहा कि सरकार के पास फरवरी तक का समय है, लेकिन वह दिसंबर में ही चुनाव कराना चाहती है। उन्होंने आयोग की संभावित गाइडलाइन पर कहा, “आयोग को जो करना है, वह करेगा, सरकार जो जरूरी होगा, वह करेगी।”
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वार्ड परिसीमन को लेकर खर्रा ने बताया कि इसका कार्य पूर्ण हो चुका है और एक सप्ताह में अधिसूचना जारी की जाएगी, जिसके बाद चुनावी प्रक्रिया तेज की जाएगी।
निष्कर्ष:
सरकार और आयोग दोनों अपने-अपने रुख पर अड़े हैं। एक ओर सरकार चुनावों को एक साथ करवाने के पक्ष में है, वहीं आयोग संवैधानिक समयसीमा के तहत तुरंत चुनाव कराना चाहता है। आज जारी होने वाली गाइडलाइन से तस्वीर और स्पष्ट हो सकती है।