नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र खत्म होते-होते सियासी बयानबाज़ी तेज हो गई। गुरुवार को संसद के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों के लिए एक ‘टी मीटिंग’ का आयोजन किया, जिसमें विपक्ष के सांसदों ने हिस्सा नहीं लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस के प्रतिभाशाली युवा नेताओं से राहुल गांधी असुरक्षित महसूस करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, “कांग्रेस में कई होनहार युवा नेता हैं, लेकिन पारिवारिक असुरक्षा के चलते उन्हें बोलने का अवसर नहीं दिया जाता। राहुल गांधी उनकी बढ़ती लोकप्रियता से घबराए हुए हैं।”
मानसून सत्र को बताया उपयोगी, विपक्ष पर साधा निशाना
पीएम मोदी ने मानसून सत्र को सार्थक और प्रभावी बताया। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग और साइबर सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया गया, जो देश की सुरक्षा और युवाओं के भविष्य के लिए अहम हैं। लेकिन साथ ही उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि उन्होंने हर मुद्दे पर हंगामा और व्यवधान डाला, बहस से भागते रहे।
कंगना रनौत की टिप्पणी
बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने कहा, “अध्यक्ष महोदय ने खुद माना कि सत्र अपनी संभावनाओं पर खरा नहीं उतर पाया। विपक्ष की हंगामेबाज़ी के कारण कई सवालों के जवाब नहीं दिए जा सके।” उन्होंने कहा कि विपक्ष के इस रवैये से जनता का नुकसान होता है।
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SIR और वोट चोरी पर विवाद
सत्र के दौरान विपक्ष ने SIR (सेंट्रलाइज्ड इंफॉर्मेशन रजिस्ट्री) और वोट चोरी के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। रोज़ सदन के अंदर और बाहर प्रदर्शन हुए। इसके बावजूद लोकसभा में कुल 12 विधेयक पारित किए गए।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री मोदी ने जहां सरकार के कामकाज को सकारात्मक बताया, वहीं कांग्रेस नेतृत्व, खासकर राहुल गांधी, को लेकर तीखा हमला बोला। उन्होंने युवाओं को मौका न देने का आरोप कांग्रेस पर लगाया और विपक्ष की भूमिका पर सवाल खड़े किए।