गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान, शाह पेश करेंगे तीन अहम बिल
केंद्र सरकार ने शासन व्यवस्था को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज संसद में तीन महत्वपूर्ण विधेयक—गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025, 130वां संविधान संशोधन बिल 2025, और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025—पेश करेंगे। इन विधेयकों के माध्यम से सरकार गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान जोड़ने जा रही है।
क्या है प्रस्तावित प्रावधान?
इन विधेयकों के तहत, यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री किसी ऐसे गंभीर अपराध में गिरफ्तार होता है, जिसकी सजा 5 वर्ष या उससे अधिक हो सकती है, और यदि वह 30 दिनों से अधिक न्यायिक या पुलिस हिरासत में रहता है, तो 31वें दिन उसे उसके पद से हटा दिया जाएगा।
मौजूदा कानून में क्या है स्थिति?
अब तक गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट, 1963 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में इस प्रकार के किसी भी प्रावधान की अनुपस्थिति थी। इस कारण यदि किसी मुख्यमंत्री या मंत्री को गिरफ्तार किया जाता था, तो उनके पद से हटाने की कोई कानूनी बाध्यता नहीं थी।
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तीन विधेयक जो आज पेश किए जाएंगे
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गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025
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130वां संविधान संशोधन बिल 2025
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जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025
इन तीनों विधेयकों का उद्देश्य शासन में नैतिकता और जवाबदेही को मजबूत करना है।
जन विश्वास (संशोधन प्रावधान) विधेयक 2025 भी हुआ पेश
इसके अतिरिक्त, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में जन विश्वास (संशोधन प्रावधान) विधेयक 2025 पेश किया। इस विधेयक के तहत 10 मंत्रालयों से जुड़े 16 केंद्रीय कानूनों में संशोधन किया जाएगा। इसका उद्देश्य व्यापार को सरल बनाना और विश्वास आधारित शासन को बढ़ावा देना है।
यह विधेयक लाएगा ये मुख्य बदलाव:
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अदालतों का बोझ कम करने के लिए कई मामलों में दंड निर्धारण का अधिकार अधिकारियों को दिया जाएगा।
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पहली बार गलती पर हल्की कार्रवाई और पुनरावृत्ति पर कड़ा जुर्माना लगेगा।
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दंड और जुर्माने की राशि में हर 3 साल में 10 प्रतिशत की स्वतः वृद्धि का प्रावधान होगा।
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कई पुराने दंडात्मक कानूनों को हटाकर अब जुर्माने का प्रावधान जोड़ा गया है।
उदाहरण के रूप में कुछ बदलाव:
अपराध | प्रस्तावित जुर्माना (₹) |
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खतरनाक बीमारी की सूचना न देना | 100 |
रास्ते में पशु बांधना | 1000 |
कचरा 24 घंटे से अधिक रखना | 100 |
श्वान को बिना जंजीर सड़क पर घुमाना | 1000 |
तय समय के बाद अंतिम संस्कार | 100 |
सुशासन की दिशा में मोदी सरकार के प्रयास
मोदी सरकार अब तक 1500 से अधिक पुराने कानूनों को समाप्त कर चुकी है और 40,000 से अधिक अनावश्यक प्रावधानों को हटाया जा चुका है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में कहा था कि नागरिकों को अनावश्यक रूप से जेल भेजने वाले कानूनों को समाप्त किया जाएगा।
निष्कर्ष
सरकार के इन विधेयकों का उद्देश्य शासन व्यवस्था को अधिक जवाबदेह, पारदर्शी और नागरिक हितैषी बनाना है। गंभीर मामलों में शीर्ष पदाधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करना और व्यापारिक एवं कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है।