जयपुर। राजस्थान में रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने अधूरे प्रोजेक्ट छोड़ने वाले बिल्डरों के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। अब ऐसे मामलों में बिल्डर नहीं, बल्कि केंद्र सरकार की उपक्रम कंपनी एमएसटीसी (मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉर्पोरेशन) खरीदारों को राहत दिलाएगी। रेरा ने निर्णय लिया है कि प्रोजेक्ट अधूरा छोड़ने वाले बिल्डर की जमीन और अधूरे ढांचे को नीलाम कर उससे प्राप्त धनराशि खरीदारों (बुकिंगकर्ताओं) को लौटाई जाएगी या फिर उस अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने में उपयोग की जाएगी।
केंद्र सरकार के उपक्रम को मिली जिम्मेदारी
रेरा ने पहली बार किसी केंद्र सरकार के उपक्रम को इस तरह की जिम्मेदारी सौंपी है। नीलामी की पूरी प्रक्रिया एमएसटीसी संचालित करेगी। इसके तहत रेरा जिन प्रॉपर्टीज को अटैच करेगा, उनका निस्तारण एमएसटीसी द्वारा किया जाएगा। माना जा रहा है कि इसकी शुरुआत भिवाड़ी की अरावली गार्डन आवासीय योजना से होगी, जिसकी जमीन और अधूरे ढांचे पर रेरा ने दो साल पहले कब्जा लिया था। अब उसे बेचकर खरीदारों को राशि लौटाने की योजना पर काम किया जा रहा है।
अधूरे प्रोजेक्ट्स की सूची तैयार
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राजस्थान रेरा अन्य अधूरे प्रोजेक्ट्स की सूची भी तैयार कर रहा है। ऐसे प्रोजेक्ट्स की नीलामी कर खरीदारों को राहत पहुंचाई जाएगी। इस कदम से उन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी जिनके सपनों के घर अधूरे प्रोजेक्ट्स की वजह से अधर में लटके हुए हैं।
रेरा की मौजूदा स्थिति
कुल पंजीकृत प्रोजेक्ट: 40,228
पंजीकृत प्रमोटर्स: 2,506
सक्रिय एजेंट: 12,284
निस्तारित प्रकरण: 3,015
एक्सटेंशन लेने वाले बिल्डर/डेवलपर: 598
शिकायत कहां करें?
रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी का मुख्यालय जयपुर के उद्योग भवन परिसर में है। शिकायत के लिए फोन नंबर 0141-2851900 पर संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा ई-मेल [email protected] पर भी दर्ज कराई जा सकती है।