महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सव के दौरान बड़ा हादसा, दो की मौत और 200 से अधिक घायल
देशभर में 16 अगस्त 2025 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। मंदिरों को सजाया गया, रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की आरती और भजन संध्या का आयोजन हुआ, और श्रद्धालु भक्ति में लीन रहे। वहीं महाराष्ट्र में इस पावन अवसर पर आयोजित दही हांडी उत्सव एक दुखद हादसे में तब्दील हो गया।
मुंबई समेत राज्य के अन्य हिस्सों में विभिन्न स्थानों पर गोविंदा पथकों द्वारा दही हांडी फोड़ी गई, लेकिन इस उत्सव के दौरान हुई दुर्घटनाओं ने पर्व की रौनक को गम में बदल दिया।
मुंबई में दो लोगों की जान गई
मुंबई के मानखुर्द इलाके में 25 वर्षीय युवक जगमोहन शिवकिरण चौधरी की पहली मंजिल से गिरने के बाद मृत्यु हो गई। उन्हें तुरंत गोवंडी के शताब्दी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसी तरह, एक अन्य हादसे में 14 वर्षीय एक किशोर की भी मृत्यु हो गई, जिससे पूरे राज्य में शोक की लहर फैल गई।
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घायलों की संख्या 200 से पार
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) और सरकारी अस्पतालों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, शनिवार रात तक 210 गोविंदा चोटिल हुए। इन घायलों में से 68 का अभी भी इलाज जारी है, जबकि 142 को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दी जा चुकी है।
क्षेत्रवार स्थिति:
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सेंट्रल मुंबई: 91 घायल, जिनमें 60 का इलाज जारी है
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पूर्वी उपनगर: 45 घायल
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पश्चिमी उपनगर: 74 घायल
डॉक्टरों के अनुसार, अधिकतर घायलों को हल्की चोटें आई हैं और अधिकांश को रविवार या सोमवार तक अस्पताल से छुट्टी मिलने की उम्मीद है।
परंपरा की पृष्ठभूमि में हादसे की पीड़ा
दही हांडी उत्सव भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं पर आधारित है, जिसमें वह अपने मित्रों के साथ माखन चुराने के लिए ऊंची जगहों पर चढ़ते थे। इसी परंपरा को जीवंत करते हुए मुंबई और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में मानव पिरामिड बनाकर ऊंचाई पर लटकी हांडी को फोड़ने की प्रतियोगिताएं होती हैं। यह आयोजन जहां एक ओर धार्मिक उत्साह और सांस्कृतिक जीवंतता का प्रतीक है, वहीं इस वर्ष हादसों ने सुरक्षा व्यवस्था और आयोजन की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
हर साल राज्य सरकार और आयोजकों द्वारा सुरक्षा के पुख्ता दावे किए जाते हैं, लेकिन इस बार की घटनाएं दिखाती हैं कि ऊंची हांडियों, भीड़ प्रबंधन और प्राथमिक चिकित्सा व्यवस्था में कई स्तरों पर चूक हुई।
सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
इन हादसों के बाद अब प्रशासन की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग तेज हो गई है। आम जनता और सामाजिक संगठनों ने भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए सख्त दिशानिर्देश और निगरानी की मांग की है।