राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ सासाराम से शुरू, 1 सितंबर को पटना में होगा समापन
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की शुरुआत 17 अगस्त को सासाराम से की। यह यात्रा 16 दिनों तक चलेगी और 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक विशाल रैली के साथ समाप्त होगी। इस यात्रा में राहुल गांधी के साथ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित महागठबंधन के तमाम वरिष्ठ नेता भाग ले रहे हैं।
यात्रा का उद्देश्य राज्य के मतदाताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनमत तैयार करना है। महागठबंधन की यह यात्रा बिहार के 23 जिलों और लगभग 50 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी। इस दौरान करीब 1300 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी।
पहले दिन का कार्यक्रम – 17 अगस्त:
राहुल गांधी सुबह 10:30 बजे विशेष विमान से गया पहुंचे और 11:05 बजे हेलीकॉप्टर के माध्यम से सासाराम के एसपी जैन कॉलेज मैदान पहुंचे। वहां से वे सड़क मार्ग से सुआरा हवाई अड्डा पहुंचे, जहां दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक एक विशाल जनसभा हुई। इस जनसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे, तेजस्वी यादव और अन्य विपक्षी नेता भी मंच पर उपस्थित रहे।
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इसके बाद शाम 4:30 बजे देहरी-ऑन-सोन के आंबेडकर चौक से औपचारिक रूप से ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की शुरुआत की गई। शाम 7:30 बजे औरंगाबाद के रमेश चौक पर एक और सभा आयोजित की गई, जिसके बाद सभी नेता औरंगाबाद के बंभनडीह स्पोर्ट्स ग्राउंड में रात्रि विश्राम के लिए रुके।
दूसरे दिन का कार्यक्रम – 18 अगस्त:
अगले दिन सुबह 8 बजे अम्बा-कुटुंबा से यात्रा दोबारा शुरू होगी। सुबह 9:30 बजे राहुल गांधी और अन्य नेता प्रसिद्ध सूर्य मंदिर में दर्शन करेंगे। दोपहर में गया के गुरारू इलाके में सभी नेताओं का सामूहिक भोजन होगा। शाम 6:30 बजे गया शहर के खालिस पार्क चौक पर एक और जनसभा का आयोजन किया जाएगा। रात में राहुल गांधी रसलपुर क्रिकेट ग्राउंड में रात्रि विश्राम करेंगे।
जनसंपर्क के माध्यम से विपक्ष की एकजुटता का संदेश
इस यात्रा के माध्यम से महागठबंधन प्रदेश की जनता को यह संदेश देना चाहता है कि विपक्ष एकजुट है और राज्य के विकास व लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। यात्रा के दौरान बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर जनता को संबोधित किया जाएगा।
यह यात्रा आगामी लोकसभा चुनावों की रणनीतिक तैयारी के रूप में भी देखी जा रही है, जिसमें महागठबंधन एकजुट होकर केंद्र की सत्ताधारी पार्टी को चुनौती देने का प्रयास करेगा।