मुख्यमंत्री की बीकानेर यात्रा से जनता नदारद, सिर्फ तयशुदा कार्यक्रमों तक सीमित रहेगा दौरा
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की 14 अगस्त को होने वाली बीकानेर यात्रा को लेकर चर्चाएं गर्म हैं। इस बार प्रशासन ने ऐसा यात्रा कार्यक्रम तैयार किया है जिसमें मुख्यमंत्री को शहर की असली हालात से रूबरू होने का कोई मौका ही नहीं मिलेगा। पूरे दौरे को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि वे न तो शहर की टूटी सड़कों को देख सकें, न ही सीवरेज की दुर्दशा और न ही आवारा पशुओं से भरे इलाकों से होकर गुजरें।
CM का मिनट-टू-मिनट शेड्यूल
मुख्यमंत्री सुबह 10:50 बजे नाल एयरपोर्ट पहुंचेंगे, वहां से खाजूवाला स्थित बीएसएफ पोस्ट कोडेवाला जाएंगे, जहां जवानों से संवाद होगा। इसके बाद दोपहर में नाल गांव में तिरंगा यात्रा और फिर महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में विभाजन विभीषिका पर संगोष्ठी में शामिल होकर सीधे जयपुर रवाना हो जाएंगे। इस दौरान न तो वे शहरवासियों से मिलेंगे, न ही बीकानेर शहर की जमीनी हकीकत का कोई जायजा लेंगे।
जनता के मुद्दों से दूरी, खेजड़ी आंदोलन पर भी चुप्पी
शहर में चल रहे खेजड़ी पेड़ों की कटाई के विरोध में आंदोलन और कई इलाकों में सीवरेज जाम, जर्जर सड़कें और यातायात अव्यवस्था जैसे मुद्दों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है। ना तो कोई जनसंवाद का कार्यक्रम है और ना ही किसी जनप्रतिनिधि से सीधे मुलाकात।
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कांग्रेस का विरोध: मशाल जुलूस की घोषणा
मुख्यमंत्री की यात्रा के दिन बीकानेर कांग्रेस ने भाजपा और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए मशाल जुलूस निकालने की घोषणा की है।
कांग्रेस संगठन महासचिव नितिन वत्सस ने कहा कि भाजपा ने चुनाव आयोग की मिलीभगत से पूरे देश में वोट चोरी करके सरकारें बनाई हैं। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इसके सबूत भी दिए हैं, लेकिन न भाजपा जवाब दे रही है और न ही चुनाव आयोग।
बीकानेर शहर व देहात कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल गहलोत और बिशनाराम सियाग के नेतृत्व में 14 अगस्त की शाम 7:30 बजे कोटगेट से इंदिरा गांधी प्रतिमा स्थल, पब्लिक पार्क तक मशाल जुलूस निकाला जाएगा।
इस प्रदर्शन में कांग्रेस के स्थानीय व प्रदेश स्तरीय नेता, कार्यकर्ता और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी शामिल होंगे।
क्या दिखाना है, क्या छिपाना है – सब पहले से तय
इस बार का कार्यक्रम इस तरह से तैयार किया गया है कि ना केवल आम जनता को मुख्यमंत्री से मिलने का अवसर नहीं मिलेगा, बल्कि उनकी नजर से शहर की असल समस्याएं भी छिपी रहेंगी। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या ये दौरा जनसेवा के लिए है या सिर्फ दिखावे के लिए?