नई दिल्ली। चुनाव आयोग विरोध मार्च के दौरान हिरासत में लिए गए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत 200 से अधिक पार्टी नेताओं को दिल्ली पुलिस ने रिहा कर दिया है। इससे पहले, विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च निकालने की योजना बनाई थी, जिसका उद्देश्य “वोट चोरी” और “SIR” से संबंधित मुद्दों पर विरोध दर्ज कराना था।
मार्च शुरू होने से पहले ही दिल्ली पुलिस ने कई कांग्रेस नेताओं को रोककर हिरासत में ले लिया था। इनमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल थे। हिरासत में लिए गए नेताओं को अस्थायी रूप से विभिन्न पुलिस थानों में रखा गया और बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।
रिहाई के बाद कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उनका विरोध शांतिपूर्ण था और यह लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत किया गया था। पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार लोकतांत्रिक आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले दिनों में वे चुनाव आयोग और अन्य संवैधानिक संस्थाओं से जुड़े मुद्दों पर और भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
पार्टी नेताओं का कहना है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए यह संघर्ष जारी रहेगा और जनहित के मुद्दों पर सरकार को जवाब देना होगा।