


Loan Recovery Agent दे रहे धमकी? डरे नहीं, जानिए आपके अधिकार और आरबीआई के नियम
अक्सर खबरें आती हैं कि लोन न चुका पाने पर रिकवरी एजेंट्स उग्र रवैया अपनाते हैं। वे ग्राहकों से बदतमीजी करते हैं, धमकाते हैं या घर आकर सार्वजनिक रूप से अपमान करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसे किसी भी व्यवहार के खिलाफ आपके पास कानूनी अधिकार हैं?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन रिकवरी एजेंट्स के लिए फेयर प्रैक्टिस कोड निर्धारित किया है, जिसका पालन करना अनिवार्य है। आइए जानें इन नियमों और आपके अधिकारों के बारे में:
🕐 लोन रिकवरी एजेंट किस समय तक आ सकते हैं?
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एजेंट सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे के बीच ही संपर्क कर सकते हैं।
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इस समय के बाहर आने को उत्पीड़न माना जाएगा, जब तक कि ग्राहक से सहमति न हो।
व्यवहार कैसा होना चाहिए?
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एजेंट को सम्मानपूर्वक बात करनी चाहिए।
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गाली-गलौज, अपमान या धमकी की अनुमति नहीं है।
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पड़ोसियों या सहकर्मियों के सामने अपमान करना सख्त रूप से वर्जित है।
पहचान पत्र जरूरी है
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रिकवरी एजेंट को अपने पास वैध आईडी कार्ड और
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बैंक/NBFC का ऑथराइजेशन लेटर रखना होगा।
क्या वे ऑफिस आ सकते हैं?
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हां, लेकिन तभी जब अन्य सभी प्रयास असफल हो गए हों।
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वहां भी उनका व्यवहार विनम्र और गोपनीय होना चाहिए।
आपके अधिकार क्या हैं?
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गरिमा का अधिकार: कोई भी आपको धमका नहीं सकता।
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निजता का अधिकार: आपकी लोन जानकारी किसी और को नहीं दी जा सकती।
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शिकायत का अधिकार: गलत व्यवहार होने पर
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बैंक या NBFC से शिकायत करें,
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RBI लोकपाल से संपर्क करें,
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या पुलिस में रिपोर्ट करें।
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अगर उत्पीड़न हो तो क्या करें?
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कॉल और मैसेज का रिकॉर्ड रखें।
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एजेंट की विजिट्स का विवरण नोट करें।
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यदि बैंक से 30 दिन में हल न मिले, तो RBI लोकपाल के पास शिकायत करें।
निष्कर्ष:
लोन नहीं चुकाने पर भी आपके अधिकार सुरक्षित हैं। रिकवरी एजेंट की बदतमीजी या धमकी को चुपचाप सहने की ज़रूरत नहीं है। कानून और आरबीआई आपके साथ हैं — जागरूक रहें, सुरक्षित रहें।