

राजस्थान हादसे के बाद स्कूल सुरक्षा पर केंद्र का बड़ा निर्देश
राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की छत गिरने की दर्दनाक घटना के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। इस हादसे में कई बच्चों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हुए। इसके मद्देनज़र, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को सुरक्षा ऑडिट अनिवार्य रूप से कराने का आदेश दिया है।
सभी स्कूलों में अनिवार्य सुरक्षा ऑडिट
शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि सभी स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों और आपदा प्रबंधन प्रोटोकॉल के अनुरूप सुरक्षा ऑडिट कराना अनिवार्य होगा। ऑडिट के दौरान भवन की संरचनात्मक मजबूती, बिजली व्यवस्था, अग्नि सुरक्षा, और आपातकालीन निकासी जैसे पहलुओं का गहन मूल्यांकन किया जाएगा।
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जोखिम की पहचान और समय पर कार्रवाई पर ज़ोर
मंत्रालय का कहना है कि इन उपायों का मुख्य उद्देश्य है किसी भी संभावित खतरे को पहले से पहचानकर समय पर रोकथाम करना। इसके लिए एक जवाबदेह रिपोर्टिंग व्यवस्था भी लागू की जाएगी, जिसके तहत किसी भी खतरनाक घटना या निकट-दुर्घटना की जानकारी 24 घंटे के भीतर संबंधित प्राधिकरण को देना अनिवार्य होगा।
निर्देशों की अनदेखी पर होगी कार्रवाई
शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई संस्थान इन निर्देशों का पालन नहीं करता और भविष्य में कोई घटना होती है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। किसी भी प्रकार की देरी या लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।

मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक सुरक्षा पर भी ज़ोर
मंत्रालय ने यह भी निर्देश दिया है कि छात्रों की मानसिक और भावनात्मक भलाई के लिए स्कूलों को परामर्श सेवाएं, सहकर्मी सहायता नेटवर्क और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने होंगे।
आपदा से निपटने की तैयारी भी जरूरी
सुरक्षा उपायों में नियमित अभ्यास, प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण और आपात स्थिति से निपटने की कार्यशालाएं शामिल होंगी। इसके अलावा, एनडीएमए, अग्निशमन सेवाओं, पुलिस और स्वास्थ्य सेवाओं के साथ स्कूलों को समन्वय मजबूत करना होगा।
अभिभावकों और समुदाय की भूमिका
मंत्रालय ने अभिभावकों, स्थानीय निकायों और सामुदायिक नेताओं से भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की है।
अंत में, शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से नए दिशा-निर्देशों को बिना किसी देरी के लागू करने का अनुरोध किया है ताकि किसी भी बच्चे को लापरवाही या तैयारी की कमी के कारण नुकसान न हो।