

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हाल ही में झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव के राजकीय विद्यालय में हुई दुखद घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने आदेश दिया कि जीर्ण-क्षीर्ण और मरम्मत योग्य राजकीय संस्थानों, विद्यालयों और आंगनबाड़ी भवनों की मरम्मत प्राथमिकता से की जाए। इस उद्देश्य के लिए डांग, मगरा और मेवात क्षेत्रीय विकास योजनाओं के तहत इन भवनों की मरम्मत के लिए अनुमत राशि को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया है।
इसके अलावा, अब विधायक भी अपने क्षेत्रीय विकास योजना के तहत किसी भी योजना से निर्मित भवनों की मरम्मत के लिए 20 प्रतिशत राशि की अनुशंसा कर सकेंगे। पहले यह राशि सिर्फ एमएलए-लेड निर्मित भवनों की मरम्मत के लिए निर्धारित थी। मुख्यमंत्री ने विधायकों से पुराने और जर्जर सरकारी स्कूलों के भवनों की मरम्मत और रखरखाव के लिए प्राथमिकता से राशि की अनुशंसा करने का आग्रह किया है ताकि भविष्य में किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
375 करोड़ रुपये की स्वीकृति, 3 करोड़ रुपये प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को
राज्य सरकार ने इस वर्ष के बजट में बिना भवन और जर्जर विद्यालयों के लिए नए भवनों के निर्माण और मरम्मत के लिए 375 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके तहत, प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को 3 करोड़ रुपये मरम्मत कार्यों के लिए दिए जा रहे हैं, जिनसे सरकारी स्कूलों, संस्थानों और आंगनबाड़ी भवनों की स्थिति सुधारी जा सकेगी।

सरकारी इमारतों का निरीक्षण और रिपोर्ट आदेश
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर उच्च स्तरीय बैठक में जिला कलेक्टर्स और संबंधित विभागों को निर्देश दिए थे कि वे स्कूलों, अस्पतालों और अन्य सरकारी इमारतों का तत्काल निरीक्षण करें और मरम्मत कार्य शुरू करें। साथ ही, एक विशेषज्ञ समिति गठित कर 5 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भी निर्देशित किया।