

राजस्थान: शिक्षकों को भेड़ें गिनने की ड्यूटी, आदेश पर भड़के संगठन
राजस्थान में शिक्षकों को स्कूलों के बजाय अब भेड़ों पर नजर रखने की ड्यूटी मिलने से विवाद खड़ा हो गया है। उदयपुर जिला प्रशासन की ओर से जारी एक आदेश में कुछ सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को “भेड़ निष्क्रमण” यानी भेड़ों के आवागमन पर निगरानी के कार्य में लगाया गया है। आदेश के वायरल होते ही राज्यभर में शिक्षक संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है।
शिक्षक संगठनों ने जताई आपत्ति
राज्य के शिक्षक संगठनों ने इस आदेश को शिक्षकों की गरिमा के खिलाफ बताते हुए शिक्षा मंत्री से तत्काल आदेश रद्द करने की मांग की है। संगठनों का कहना है कि शिक्षकों पर पहले से ही गैर शैक्षणिक कार्यों का अत्यधिक दबाव है, ऐसे में भेड़ों की निगरानी जैसी ड्यूटी देना शिक्षा व्यवस्था का मजाक बनाना है।
स्कूलों में पहले से ही कार्य का भार
शिक्षकों का कहना है कि जुलाई महीने में स्कूलों में प्रवेशोत्सव, पौधारोपण, किताब वितरण जैसे कई कार्यक्रम चल रहे हैं। इन कार्यों के साथ ही उन्हें बच्चों की पढ़ाई भी करानी होती है। ऐसे में गैर शैक्षणिक जिम्मेदारियों में भेड़ों की निगरानी जैसे कार्य जोड़े जाना सरासर अनुचित है।
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पिछले वर्षों से जारी है विरोध
यह पहला मौका नहीं है जब शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों में लगाया गया है। इससे पहले भी जनगणना, टीकाकरण, चुनाव ड्यूटी, और विभिन्न सरकारी अभियानों में शिक्षकों की सेवाएं ली जाती रही हैं, जिसका शिक्षकों ने बार-बार विरोध किया है।
आदेश के पीछे प्रशासन की सफाई
हालांकि, जिला प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह आदेश पशुपालन विभाग के एक अभियान के तहत जारी किया गया था, जिसमें भेड़ों के प्रवास की निगरानी की जरूरत बताई गई थी।