

बलूचिस्तान में यात्रियों का नरसंहार, पहचान पत्र देखकर मारी गोली
पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में हिंसा की एक और दर्दनाक घटना सामने आई है। झोब जिले में अज्ञात बंदूकधारियों ने एक यात्री बस को रोककर उसमें सवार यात्रियों की पहचान जांची और पंजाब प्रांत से संबंधित नौ लोगों को उतारकर गोली मार दी। यह हमला झोब राजमार्ग पर उस समय हुआ जब बस क्वेटा से लाहौर की ओर जा रही थी।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, बंदूकधारियों ने पहले बस को रोका, फिर यात्रियों के पहचान पत्र देखे और जिनके दस्तावेज पंजाब से जुड़े थे, उन्हें नीचे उतारकर निशाना बनाया। झोब के सहायक आयुक्त नवीद आलम ने बताया कि सभी मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद दफनाने के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हमले
यह पहली बार नहीं है जब बलूचिस्तान में इस तरह की लक्षित हत्याएं हुई हैं। इससे पहले भी बलूच विद्रोही समूहों पर पंजाब प्रांत के लोगों को निशाना बनाने के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि इस ताजा हमले की जिम्मेदारी अब तक किसी भी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन प्रारंभिक संदेह बलूच विद्रोहियों की ओर ही इशारा करता है।
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क्वेटा, लोरालाई और मस्तुंग में भी हमलों की कोशिश
सिर्फ झोब ही नहीं, बलूचिस्तान के अन्य हिस्सों—क्वेटा, लोरालाई और मस्तुंग में भी उग्रवादियों ने हाल ही में हमलों की कोशिश की, लेकिन सरकार का दावा है कि सुरक्षा बलों ने समय रहते इन प्रयासों को विफल कर दिया। बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने बताया कि इन प्रयासों में कोई जनहानि नहीं हुई है।

प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध, फिर भी उपेक्षित
बलूचिस्तान, जो ईरान और अफगानिस्तान की सीमाओं से लगा हुआ है, पाकिस्तान का सबसे बड़ा लेकिन सबसे कम आबादी वाला और गरीब प्रांत है। इस क्षेत्र में गैस, खनिज और समुद्री संपदाएं प्रचुर मात्रा में हैं, फिर भी यहां के लोगों को लंबे समय से राजनीतिक और आर्थिक उपेक्षा का सामना करना पड़ा है।
बलूच विद्रोही समूह केंद्र सरकार पर शोषण का आरोप लगाते हैं और अक्सर सुरक्षा बलों, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और खास तौर पर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) से जुड़ी परियोजनाओं पर हमले करते रहे हैं।
यह ताजा घटना एक बार फिर पाकिस्तान में जातीय और क्षेत्रीय असंतुलन की गंभीरता को उजागर करती है। सरकार के सामने अब यह चुनौती है कि वह न केवल सुरक्षा को मजबूत करे, बल्कि बलूचिस्तान में भरोसे की बहाली के लिए ठोस प्रयास भी करे।