

बीकानेर में खुलेगा देश का पहला बालिका सैन्य विद्यालय, राजस्थान के आठ जिलों में बनेंगे और स्कूल
राजस्थान देश का पहला राज्य बनने जा रहा है, जहां बालिकाओं के लिए विशेष रूप से सैनिक विद्यालय की स्थापना की जा रही है। शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर 11 जुलाई को बीकानेर के जयमलसर में बालिका सैन्य विद्यालय के भवन परिसर का अवलोकन करेंगे।
यह विद्यालय राज्य सरकार की 2024-25 और 2025-26 की बजट घोषणा का हिस्सा है, जिसके तहत प्रदेश में कुल 8 बालिका सैनिक विद्यालय और एक सामान्य सैनिक विद्यालय स्थापित किए जाएंगे।
बीकानेर में देश का पहला बालिका सैन्य विद्यालय
कोलकाता निवासी पूनमचंद राठी ने अपने माता-पिता की स्मृति में जयमलसर में बनने वाले बालिका सैनिक विद्यालय के लिए 108 करोड़ रुपये मूल्य की भूमि और भवन शिक्षा विभाग को दान में दिए हैं। इस अवसर पर आयोजित भव्य समारोह में शिक्षा मंत्री को भूमि और भवन के दस्तावेज सौंपे जाएंगे। साथ ही, 300 से अधिक गांवों में पौधारोपण कार्यक्रम भी किया जाएगा।
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स्कूल का स्वरूप और प्रवेश प्रक्रिया
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विद्यालय पूरी तरह आवासीय होगा।
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कक्षा 6 और कक्षा 9 में केवल छात्राओं को प्रवेश मिलेगा, हर कक्षा में 80 सीटें होंगी।
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राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा परीक्षा आयोजित की जाएगी।
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प्रवेश आवेदन जनवरी 2026 में होंगे, परीक्षा अप्रैल 2026 में और परिणाम मई 2026 में घोषित होंगे।
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सत्र 1 जुलाई 2026 से शुरू होगा।
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संचालन चित्तौड़गढ़ सैनिक स्कूल की तर्ज पर होगा।
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सेवानिवृत्त आर्मी अफसर प्रधानाचार्य और हॉस्टल वार्डन होंगे।
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अन्य स्टाफ राज्य सेवाओं से नियुक्त किया जाएगा।
किन जिलों में खुलेंगे बालिका सैनिक विद्यालय:
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बीकानेर (जयमलसर) – देश का पहला बालिका सैन्य विद्यालय।
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कोटा (रामगंजमंडी, उनडवा) – 42 हेक्टेयर भूमि आवंटित।
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जैसलमेर (राजस्व ग्राम) – लगभग 30 एकड़ भूमि स्वीकृत।
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अजमेर (हाथीखेड़ा) – 30 एकड़ भूमि आमंत्रित।
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भरतपुर (मिलकपुर) – 12 हेक्टेयर भूमि आवंटित।
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अलवर (हल्दीना, मालाखेड़ा) – 23.59 हेक्टेयर भूमि, PPP मॉडल से स्कूल बनेगा।
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श्रीगंगानगर (मिर्जेवाला) – यहां लड़कों के लिए सामान्य सैनिक स्कूल बनेगा।
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अन्य जिले – जल्द भूमि चयन व प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी।
श्रीगंगानगर में सामान्य सैनिक विद्यालय
श्रीगंगानगर जिले के मिर्जेवाला-सादुलशहर में एक सामान्य सैनिक विद्यालय की स्थापना की जाएगी। यहां पहले से 6.5 एकड़ भूमि शिक्षा विभाग के पास है, और शेष भूमि आवंटन की प्रक्रिया जारी है।
निष्कर्ष
बीकानेर के जयमलसर से शुरू हो रही यह पहल न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक है। यह बालिकाओं को रक्षा सेवाओं और नेतृत्व में आगे बढ़ने का अवसर देगी। राजस्थान के अन्य जिलों में भी ऐसे स्कूल खुलने से बेटियों के लिए नए रास्ते खुलेंगे।