


बीकानेर में CIC पट्टों की जांच शुरू, फर्जीवाड़े की आशंका गहराई
बीकानेर। बीकानेर में सी.आई.सी. (CIC) पट्टों की प्रमाणिकता को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जिला कलेक्टर द्वारा गठित जांच कमेटी की प्रारंभिक रिपोर्ट में कई पट्टों में अनियमितताएं सामने आई हैं, जिससे पूरे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।
जिन पट्टों में गड़बड़ी पाई गई है, उन्हें फॉरेंसिक जांच (FSL) के लिए भेजा गया है। बीकानेर विकास प्राधिकरण (BDA) ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे फिलहाल ऐसे किसी भी भूमि सौदे से दूर रहें, जो इन विवादित पट्टों पर आधारित हो।
शिकायतों के बाद हुआ खुलासा
बीडीए के अनुसार, समय-समय पर नागरिकों द्वारा मौखिक शिकायतें मिल रही थीं कि सीआईसी पट्टों की सत्यता संदिग्ध है। इसके बाद राजकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान कई स्थानों पर ऐसे पट्टे प्रस्तुत किए गए, जिनकी वैधता संदेहास्पद लगी।
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इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए 4 अप्रैल 2025 को जिला कलेक्टर एवं अध्यक्ष, बीडीए द्वारा अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई।

दस्तावेजों की गहन जांच और FSL भेजा गया मामला
30 अप्रैल 2025 को प्राधिकरण कार्यालय की अभिलेख शाखा ने जांच समिति के समक्ष संदिग्ध पट्टों के दस्तावेज प्रस्तुत किए। समिति ने अभिलेखों का अवलोकन करने के बाद पाया कि इनकी प्रमाणिकता पर तत्काल सवाल उठते हैं। परिणामस्वरूप समिति ने मामले की गहराई से जांच और एफआईआर दर्ज कराने की सिफारिश की, जिसके आधार पर संबंधित पट्टों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
BDA की आमजन से अपील
बीडीए ने कहा है कि कुछ लोग राजकीय भूमि पर झूठे पट्टे दर्शाकर उसे अपनी बताने का प्रयास कर रहे हैं, जो असलियत से परे है। ऐसी स्थिति में आम नागरिकों से अपील की जाती है कि वे इस प्रकार की भूमि की खरीद-फरोख्त से बचें और न ही किसी प्रकार का बैयनामा या पंजीयन कराएं, जिससे वे किसी संभावित धोखाधड़ी या आर्थिक नुकसान से सुरक्षित रह सकें।
पंजीयन कार्यालय को भी निर्देश
प्राधिकरण ने पंजीयन कार्यालय, बीकानेर को भी निर्देश दिए हैं कि CIC पट्टों से संबंधित किसी भी हस्तांतरण दस्तावेज का पंजीयन केवल तभी किया जाए जब उसे बीडीए से विधिवत प्रमाणीकरण प्राप्त हो।
निष्कर्ष
फिलहाल बीकानेर में CIC पट्टों की विश्वसनीयता जांच के घेरे में है और प्रशासन इस पूरे मामले में सख्त रुख अपना रहा है। आमजन से सतर्कता बरतने और जांच पूरी होने तक इस तरह की जमीन से संबंधित लेन-देन से दूर रहने की सलाह दी गई है।