


सावधान! इन मोबाइल कोड्स से हो सकती है साइबर ठगी
डिजिटल होती दुनिया में जहां सुविधाएं बढ़ी हैं, वहीं साइबर अपराध भी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया, ऑनलाइन पेमेंट और डिजिटल एप्स के बढ़ते उपयोग के बीच साइबर ठग भी हर दिन नए तरीके अपना रहे हैं। आम लोग अक्सर लालच या जानकारी की कमी में अपनी मेहनत की कमाई मिनटों में गंवा बैठते हैं।
छोटे प्रलोभन, बड़ी ठगी
हर दिन प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से साइबर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। ठग इतने शातिर हो गए हैं कि पलक झपकते ही लोगों के बैंक खातों से पैसे निकाल लेते हैं या उनकी निजी जानकारियां चुराकर ब्लैकमेलिंग शुरू कर देते हैं। अक्सर ऐसा तब होता है जब लोग अनजाने में किसी लिंक पर क्लिक कर देते हैं या कोई कोड डायल कर बैठते हैं।
राजस्थान पुलिस की चेतावनी
राजस्थान पुलिस ने हाल ही में एक अहम चेतावनी जारी की है। पुलिस के अनुसार कुछ विशेष मोबाइल कोड्स को डायल करने से आपकी कॉल्स साइबर अपराधियों के पास डायवर्ट हो सकती हैं। साथ ही, आपकी निजी जानकारियां जैसे कि बैंक डिटेल्स, ओटीपी, फोन एक्सेस आदि भी हैकर्स तक पहुंच सकती हैं।
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कोन से कोड हो सकते हैं खतरनाक?
हालांकि पुलिस ने किसी विशेष कोड का सार्वजनिक रूप से उल्लेख नहीं किया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि **##002#, 21#, 62# जैसे कोड्स का दुरुपयोग कॉल फारवर्डिंग और डाटा चोरी के लिए किया जा सकता है।
कैसे करें बचाव?
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किसी भी अनजान लिंक या कोड को बिना जांचे-परखे इस्तेमाल न करें।
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मोबाइल पर आए किसी भी संदिग्ध संदेश या कॉल के झांसे में न आएं।
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कोई भी ओटीपी या बैंक से जुड़ी जानकारी किसी से भी साझा न करें।
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यदि कोई कोड अनजाने में डायल हो गया है तो तुरंत अपने मोबाइल नेटवर्क सेवा प्रदाता से संपर्क करें।
ऑनलाइन व्यापार में भी बढ़ी ठगी
ऑनलाइन खरीदारी, बुकिंग और पेमेंट के नाम पर भी लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं। साइबर अपराधी नकली वेबसाइट बनाकर या फर्जी कस्टमर केयर नंबर के जरिए लोगों को जाल में फंसा लेते हैं।
थाना पहुंचने तक सब कुछ साफ
साइबर अपराधी इतने प्रोफेशनल हो गए हैं कि जब तक पीड़ित पुलिस या साइबर सेल तक पहुंचता है, तब तक वे डिजिटल सबूत मिटा चुके होते हैं या खुद को ट्रेस से बचा लेते हैं।
पुलिस की अपील
राजस्थान पुलिस ने आमजन से अपील की है कि वे डिजिटल जागरूकता को अपनाएं, किसी भी तकनीकी संदेश या कॉल को हल्के में न लें और ठगी होने की स्थिति में तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या स्थानीय थाने से संपर्क करें।
सजग रहें, सतर्क रहें और साइबर ठगी से बचें।