


बीकानेर: 2 से 5 जुलाई तक कृषि मंडियां रहेंगी बंद, व्यापारी संघ का आंदोलन शुरू
बीकानेर। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के आह्वान पर बीकानेर कृषि उपज मंडी समेत प्रदेशभर की मंडियां 2 जुलाई से 5 जुलाई तक चार दिनों के लिए पूरी तरह बंद रहेंगी। यह बंद कृषक कल्याण शुल्क हटाने सहित सात सूत्रीय मांगों को लेकर किया जा रहा है।
इस दौरान न तो मंडियों में बोली होगी और न ही कृषि जिंसों की खरीद-फरोख्त। इससे किसानों और व्यापारियों दोनों पर आर्थिक असर पड़ने की आशंका है।
क्यों बंद हो रही हैं मंडियां?
बीकानेर कच्ची आड़त व्यापार संघ के पूर्व संरक्षक मोतीलाल सेठिया के अनुसार, कृषि उपज मंडियों में किसानों से विभिन्न प्रकार के कर वसूले जाते हैं—जैसे मंडी शुल्क, जीएसटी, और कृषक कल्याण फीस। उनका कहना है कि इन शुल्कों का वास्तविक भार किसानों पर ही पड़ता है, क्योंकि व्यापारी अपना मार्जिन कम नहीं करते।
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प्रमुख मांगें:
व्यापारियों ने सरकार के समक्ष सात सूत्रीय मांग-पत्र सौंपा है, जिसमें प्रमुख बिंदु शामिल हैं:
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कृषक कल्याण शुल्क को पूरी तरह समाप्त किया जाए।
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सभी कृषि जिंसों पर मंडी टैक्स को घटाकर 0.50 रुपये प्रति 100 रुपये किया जाए।
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आढ़त की दर 2.25 प्रतिशत समान रूप से सभी पर लागू हो।
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पुरानी नीति के तहत वंचित लाइसेंसधारकों को भूखंड प्राथमिकता से दिए जाएं।
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दुकानों का नया मापदंड 20×40 तय किया जाए और बीकानेर को योजना में शामिल किया जाए।
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एमएसपी पर सरकारी खरीद का अधिकार मंडी के संयुक्त अनुज्ञापत्र धारियों को भी मिले।
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प्रशासनिक नियंत्रण क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक के अधीन किया जाए।
किसानों को होगा सीधा असर
चार दिनों तक मंडी बंद रहने से किसानों की उपज की बिक्री रुक जाएगी, जिससे उनके आर्थिक लेन-देन प्रभावित होंगे। खासकर ऐसे समय में जब खरीफ सीजन की शुरुआत हो रही है, यह बंद बड़ा असर डाल सकता है।
व्यापार संघों ने स्पष्ट किया है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को और व्यापक किया जा सकता है। सरकार की ओर से अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।