


राजस्थान में 1 जुलाई से बंद होंगे ईंट भट्टे, 6 महीने नहीं चलेगा संचालन
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल (RPCB) ने राज्यभर में चल रहे ईंट-भट्टों को लेकर सख्त आदेश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार, प्रदेश के सभी ईंट-भट्टों का संचालन 30 जून 2025 तक ही मान्य होगा। 1 जुलाई से 31 दिसंबर 2025 तक प्रदेश के लगभग 5,000 ईंट-भट्टों को बंद रखना अनिवार्य होगा। इसके बाद पुनः संचालन केवल 1 जनवरी 2026 से ही किया जा सकेगा।
क्या है नया नियम?
RPCB ने स्पष्ट किया है कि अब प्रदेश में ईंट-भट्टों का संचालन केवल साल में छह महीने — 1 जनवरी से 30 जून तक — ही किया जा सकेगा। पहले यह अवधि नौ महीने तक होती थी, लेकिन बढ़ते वायु प्रदूषण और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देशों को देखते हुए इस अवधि को घटा दिया गया है।
प्रदूषण पर नियंत्रण की कवायद
NGT ने 24 जनवरी 2024 को देशभर में बड़े स्तर पर चल रहे ईंट-भट्टों के कारण हो रहे प्रदूषण पर चिंता जताई थी। इसके जवाब में राजस्थान में ईंट-भट्टा संघों ने खुद ही फायरिंग अवधि को सीमित करने का प्रस्ताव दिया था। इसी के आधार पर 22 जनवरी 2025 को RPCB ने आदेश जारी कर 30 जून के बाद संचालन बंद करने का निर्देश दिया।
- Advertisement -

श्रमिकों के सामने संकट
राजस्थान के ईंट-भट्टों में उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से हजारों श्रमिक काम करने आते हैं। नई व्यवस्था के चलते अब इन श्रमिकों को छह महीने तक वैकल्पिक रोजगार की तलाश करनी होगी, जिससे उनके सामने आजीविका का संकट खड़ा हो सकता है।
सख्त कार्रवाई का प्रावधान
RPCB के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक धनेटवाल ने बताया कि यदि कोई ईंट-भट्टा 1 जुलाई के बाद भी संचालन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ पर्यावरण मानकों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें जुर्माने के साथ-साथ संचालन लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया भी शामिल हो सकती है।
भविष्य की योजना
प्रदूषण नियंत्रण के इन नए नियमों के तहत, राज्य सरकार और RPCB यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि प्रदेश में वायु गुणवत्ता सुधरे और पर्यावरणीय संतुलन बना रहे। ईंट-भट्टों के संचालन की सीमित अवधि इसके लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।