


1 जुलाई से पुराने पेट्रोल-डीजल वाहनों पर रोक, पेट्रोल नहीं मिलेगा
दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। 1 जुलाई 2025 से राजधानी में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं दिया जाएगा। यह फैसला वायु गुणवत्ता सुधारने और प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों को नियंत्रित करने के लिए लिया गया है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के अनुसार, दिल्ली में पीएम 2.5 के 28% और सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) के 41% प्रदूषण के लिए पुराने वाहन जिम्मेदार हैं। BS-4 इंजन वाली गाड़ियां, BS-6 की तुलना में लगभग साढ़े पांच गुना अधिक प्रदूषण फैलाती हैं। वर्तमान में दिल्ली में लगभग 62 लाख वाहन हैं, जिनमें से 41 लाख दोपहिया ‘एंड ऑफ लाइफ’ (EOL) श्रेणी में आते हैं। इन्हें सड़कों से हटाने के लिए यह सख्त कदम उठाया गया है।
कार्रवाई कैसे होगी?
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दिल्ली के 498 पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं जो पुराने वाहनों की पहचान करेंगे।
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प्रतिबंधित वाहनों को ईंधन देने पर पेट्रोल पंप मालिकों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
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ट्रैफिक पुलिस, नगर निगम और परिवहन विभाग की टीमें 1 जुलाई से पेट्रोल पंपों और सड़कों पर कार्रवाई शुरू करेंगी।
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पहली बार पकड़े जाने पर वाहन मालिक जुर्माना भरकर वाहन छुड़ा सकते हैं, लेकिन बार-बार नियम तोड़ने पर वाहन स्क्रैप कर दिया जाएगा।
NCR में भी लागू होंगे नियम
यह व्यवस्था केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगी।

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1 नवंबर 2025 से गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और सोनीपत में यह नियम लागू होगा।
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शेष NCR जिलों में 1 अप्रैल 2026 से यह प्रतिबंध प्रभावी होगा।
वाहन मालिक क्या कर सकते हैं?
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पुराने वाहन स्क्रैप कराने के लिए अधिकृत स्क्रैपिंग सेंटर्स से संपर्क करें।
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यदि वाहन NCR से बाहर ले जाना हो तो संबंधित परिवहन विभाग से NOC प्राप्त करें।
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पंजाब जैसे राज्यों में स्क्रैपिंग और कलेक्शन सेंटर्स की सुविधा शुरू की गई है, जिससे प्रक्रिया आसान होगी।
पेट्रोल पंप डीलरों की आपत्ति
दिल्ली पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि पेट्रोल-डीजल आवश्यक वस्तु है और ईंधन न देने का निर्देश ‘Essential Commodities Act’ का उल्लंघन हो सकता है। इसके अलावा, इससे पंपों पर कानून-व्यवस्था की समस्या भी पैदा हो सकती है।
प्रदूषण नियंत्रण पर असर कितना होगा?
सरकार और CAQM का मानना है कि पुराने वाहनों को हटाने से वायु गुणवत्ता में बड़ा सुधार होगा। हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि केवल दिल्ली के वाहनों पर रोक लगाने से अपेक्षित परिणाम नहीं मिलेंगे, जब तक कि NCR और बाहरी राज्यों से आने वाले पुराने वाहनों पर भी नियंत्रण न हो।