Khabar21
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Reading: मुस्लिम महिलाओं को खुला से तलाक का हक, पति की सहमति जरूरी नहीं: हाईकोर्ट
Share
Aa
Aa
Khabar21
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Search
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Follow US
Khabar21 > Blog > देश-दुनिया > मुस्लिम महिलाओं को खुला से तलाक का हक, पति की सहमति जरूरी नहीं: हाईकोर्ट
देश-दुनिया

मुस्लिम महिलाओं को खुला से तलाक का हक, पति की सहमति जरूरी नहीं: हाईकोर्ट

editor
editor Published June 26, 2025
Last updated: 2025/06/26 at 3:03 PM
Share
SHARE
Share News

हैदराबाद: मुस्लिम महिलाओं को अब ‘खुला’ के माध्यम से तलाक लेने के लिए पति की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। यह स्पष्ट आदेश तेलंगाना हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में दिया है। कोर्ट ने कहा कि ‘खुला’ इस्लामी कानून के तहत महिलाओं का वैध और स्वतंत्र अधिकार है, जिसे रोका नहीं जा सकता।

क्या है मामला:
यह मामला 2012 में विवाह के बंधन में बंधे एक मुस्लिम दंपति से जुड़ा है। पत्नी ने घरेलू हिंसा और प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए ‘खुला’ के तहत तलाक की मांग की थी। पति ने सहमति देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद महिला ने धार्मिक संस्था से संपर्क किया, पर सुलह संभव नहीं हुआ। इसके बाद महिला ने फैमिली कोर्ट में याचिका दायर की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। पति ने इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी।

हाईकोर्ट का फैसला:
तेलंगाना हाईकोर्ट की दो जजों की खंडपीठ, जिसमें न्यायमूर्ति मौसमी भट्टाचार्य और न्यायमूर्ति मधुसूदन राव शामिल थे, ने पति की अपील खारिज करते हुए फैमिली कोर्ट के आदेश को सही ठहराया। कोर्ट ने कहा कि ‘खुला’ इस्लाम में तलाक का एक वैध तरीका है, जिसमें महिला को विवाह समाप्त करने का अधिकार है और इसमें पति की सहमति की जरूरत नहीं है।

मध्यस्थता की भूमिका सीमित:
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि धार्मिक संस्थाएं या मुफ्ती केवल सुलह की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन उनके पास तलाक प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार नहीं है। खुला की वैधता का अंतिम निर्णय सिर्फ अदालत कर सकती है।

- Advertisement -

खुला की प्रक्रिया और अधिकार:
कोर्ट ने कहा कि जैसे पुरुषों को ‘तलाक-ए-बिद्दत’ के तहत तलाक का अधिकार है, वैसे ही ‘खुला’ महिलाओं का बराबर का अधिकार है। जब महिला खुला की इच्छा व्यक्त करती है और सुलह असफल होती है, तो पति के विरोध के बावजूद तलाक वैध माना जाएगा।

महिला अधिकारों की दिशा में बड़ा कदम:
इस फैसले को मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और स्वतंत्रता की दिशा में एक मजबूत निर्णय माना जा रहा है। यह स्पष्ट करता है कि धार्मिक हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है और महिलाएं अब कानूनी रूप से खुला का अधिकार स्वतंत्र रूप से उपयोग कर सकती हैं


Share News

editor June 26, 2025
Share this Article
Facebook TwitterEmail Print

Latest Post

क्या बाइक वालों को टोल देना होगा? नितिन गडकरी ने दिया साफ जवाब
देश-दुनिया
बाजार में उछाल: सेंसेक्स 1000 अंक चढ़ा, मेटल-बैंकिंग शेयरों में जोरदार तेजी
Share market
दिल्ली अस्पताल घोटाला: AAP के दो नेता आरोपी, गुजरात विधायक सस्पेंड
Delhi
1 जुलाई से कई बड़े बदलाव, जानिए क्या होगा महंगा और क्या जरूरी
देश-दुनिया
बीकेईएसएल की जनसुनवाई कल, मौके पर सुलझेंगी बिजली शिकायतें
बीकानेर
बीकाजी फैक्ट्री में लाखों की तेल चोरी, कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज
crime बीकानेर
बीकानेर रेंज में सात दिनी सर्च ऑपरेशन, 1200 से ज्यादा अपराधी पकड़े गए
बीकानेर
SMS का आखिरी अक्षर बताएगा असली-नकली मैसेज, जानिए पूरा सिस्टम
राजस्थान

You Might Also Like

देश-दुनिया

क्या बाइक वालों को टोल देना होगा? नितिन गडकरी ने दिया साफ जवाब

Published June 26, 2025
देश-दुनिया

1 जुलाई से कई बड़े बदलाव, जानिए क्या होगा महंगा और क्या जरूरी

Published June 26, 2025
देश-दुनियाराजनीति

ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र कर राजनाथ ने SCO में पाकिस्तान को घेरा

Published June 26, 2025
देश-दुनिया

अंतरिक्ष से गूंजा ‘जय हिंद’, 41 साल बाद ISS पहुंचा भारतीय

Published June 25, 2025

© Copyright 2022, All Rights Reserved Khabar21 | Designed by Uddan Promotions Pvt. Ltd.

Join WhatsApp Group

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?