


बीकानेर: किसानों को नकली खाद-बीज बेचने वाली फर्मों पर लटकी कार्रवाई की तलवार, लैब रिपोर्ट के बाद होगा बड़ा फैसला
बीकानेर जिले में किसानों को कथित रूप से नकली खाद, बीज और कीटनाशक बेचने वाली फर्मों के खिलाफ कृषि विभाग की बड़ी कार्रवाई के बाद अब मामला निर्णायक मोड़ पर पहुंच रहा है। सोमवार को इन उत्पादों के सैंपल राजस्थान की विभिन्न अधिकृत प्रयोगशालाओं में भेजे जा रहे हैं। अगर जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी सामने आती है तो संबंधित फर्मों पर न केवल भारी जुर्माना लगाया जाएगा, बल्कि कानूनी कार्रवाई भी तय मानी जा रही है।
राज्य की सात लैब में होगी जांच
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राजस्थान में बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की जांच के लिए सात सरकारी लैब अधिकृत हैं। इनमें जयपुर के दुर्गापुरा, जोधपुर और चित्तौड़गढ़ की लैब प्रमुख हैं। किस सैंपल की जांच किस लैब में होगी, यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन निर्धारित होती है। बीकानेर से सोमवार को भेजे जा रहे सैंपल्स की रिपोर्ट आने के बाद दोषियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।
11 हजार किलो खाद, 1136 लीटर पेस्टिसाइड्स जब्त
बीकानेर में हुई कार्रवाई के दौरान कृषि विभाग ने 11,000 किलो उर्वरक, 1136 लीटर कीटनाशक और बड़ी मात्रा में बीज जब्त किए हैं। ये सभी सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट 10 से 15 दिनों में आ सकती है।
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स्वीकृति के बिना चल रहे थे गोदाम
जिन गोदामों से यह सामग्री बरामद हुई है, वे बिना प्रशासनिक अनुमति के चल रहे थे। किसी भी व्यावसायिक भंडारण के लिए अनुमति अनिवार्य होती है। कृषि विभाग की टीम ने सात गोदामों पर छापा मारकर ताले तोड़े और तलाशी ली। जांच में सामने आया कि गोदामों के मालिकों ने न तो माल के भंडारण की सूचना दी और न ही इसके लिए कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं।

राज्य कर विभाग की नजर भी इस पर
कृषि विभाग की कार्रवाई के बाद अब राज्य कर विभाग भी सक्रिय हो गया है। बड़ी मात्रा में जब्त माल के खरीद बिल, जीएसटी अनुपालन और टैक्स भुगतान की जांच की जा सकती है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, अगर यह पाया गया कि बिना टैक्स चुकाए या बिना वैध बिल के भंडारण किया गया है, तो कर चोरी और आर्थिक अपराध की धाराओं में भी केस दर्ज हो सकते हैं।
भविष्य में हो सकती है बड़ी कार्रवाई
फिलहाल राज्य कर विभाग ने कोई प्रत्यक्ष कार्रवाई नहीं की है, लेकिन जांच शुरू करने के संकेत मिल चुके हैं। अगर ये आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह न केवल कृषि व्यापार में अवैध गतिविधियों का पर्दाफाश करेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर चल रहे संगठित भ्रष्टाचार को भी उजागर कर सकता है।
निष्कर्ष:
बीकानेर में नकली खाद, बीज और कीटनाशक बेचने के इस मामले ने किसानों की सुरक्षा और कृषि उत्पादकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना अहम होगा कि लैब जांच में क्या सामने आता है और दोषियों पर सरकार कितना कठोर कदम उठाती है।