


श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान दिवस: ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ के प्रतीक को राष्ट्र ने किया नमन
नई दिल्ली। भारतीय जनसंघ के संस्थापक, प्रखर राष्ट्रवादी और महान शिक्षाविद डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर देशभर में श्रद्धांजलि कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सांसद बांसुरी स्वराज और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
प्रधानमंत्री ने किया नमन
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनके बलिदान दिवस पर कोटि-कोटि नमन। उन्होंने देश की अखंडता के लिए अतुलनीय साहस और पुरुषार्थ का परिचय दिया। उनका योगदान राष्ट्र निर्माण में अमूल्य है।”
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनके बलिदान दिवस पर कोटि-कोटि नमन। उन्होंने देश की अखंडता को अक्षुण्ण रखने के लिए अतुलनीय साहस और पुरुषार्थ का परिचय दिया। राष्ट्र निर्माण में उनका अमूल्य योगदान हमेशा श्रद्धापूर्वक याद किया जाएगा।
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— Narendra Modi (@narendramodi) June 23, 2025

जेपी नड्डा ने बताया सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का पुरोधा
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने डॉ. मुखर्जी को “सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का पुरोधा” बताते हुए कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाए रखने के लिए जीवनभर संघर्ष किया। जनसंघ की स्थापना कर उन्होंने वैकल्पिक राजनीति का आधार तैयार किया, जो आज भाजपा के रूप में देश की सबसे बड़ी पार्टी है।
धर्मेंद्र प्रधान ने किया विचारों का स्मरण
दिल्ली में आयोजित एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने डॉ. मुखर्जी के विचारों और राष्ट्रहित में लिए गए फैसलों को याद किया। उन्होंने कहा, “मुखर्जी ने स्वतंत्र भारत की पहली सरकार में शामिल होकर सेवा दी, लेकिन जब विचारों में मतभेद हुआ, तो उन्होंने इस्तीफा देकर जनसंघ की नींव रखी।” उन्होंने धारा 370 और राम मंदिर निर्माण को डॉ. मुखर्जी के विचारों की परिणति बताया।
रेखा गुप्ता और बांसुरी स्वराज ने भी दी श्रद्धांजलि
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने डॉ. मुखर्जी को “भारत की एकता का प्रेरणा स्रोत” बताते हुए कहा कि धारा 370 को हटाकर मोदी सरकार ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है।
सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने “एक देश में दो विधान, दो प्रधान, दो निशान नहीं चलेंगे” का नारा दिया, जो 2019 में साकार हुआ।
शिवराज सिंह चौहान का संबोधन
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि डॉ. मुखर्जी का जीवन राष्ट्रभक्ति, त्याग और विचारधारा की दृढ़ता का प्रतीक है। उन्होंने भारत को ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की राह पर आगे बढ़ाने का संकल्प दिलाया।
बलिदान दिवस पर राष्ट्रीय स्मरण
बलिदान दिवस पर आयोजित इन कार्यक्रमों में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के योगदान, विचारधारा और समर्पण को रेखांकित किया गया। उनका जीवन और चिंतन आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्र सेवा और वैचारिक स्पष्टता की प्रेरणा देता रहेगा।