Khabar21
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Reading: ChatGPT से घट रही दिमागी शक्ति और रचनात्मक सोच!
Share
Aa
Aa
Khabar21
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Search
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Follow US
Khabar21 > Blog > शिक्षा > ChatGPT से घट रही दिमागी शक्ति और रचनात्मक सोच!
शिक्षा

ChatGPT से घट रही दिमागी शक्ति और रचनात्मक सोच!

editor
editor Published June 20, 2025
Last updated: 2025/06/20 at 10:07 AM
Share
SHARE
Share News

क्या चैटजीपीटी दिमाग को कर रहा है कमजोर? नई रिसर्च में चौंकाने वाले खुलासे

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल अब हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में सामान्य होता जा रहा है। घर हो या दफ्तर, हर जगह AI टूल्स से काम आसान किए जा रहे हैं। इन्हीं में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है ओपनएआई द्वारा विकसित चैटबॉट – चैटजीपीटी। लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि क्या यह सहूलियत इंसानी दिमाग की कीमत पर मिल रही है?

MIT की नई रिसर्च का दावा
अमेरिका के प्रतिष्ठित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के शोधकर्ताओं ने अपनी नई रिसर्च में दावा किया है कि चैटजीपीटी जैसे जेनरेटिव AI टूल्स इंसान की मानसिक सक्रियता को कम कर रहे हैं। शोध के अनुसार, अगर लेखन प्रक्रिया की शुरुआत ही AI की मदद से की जाए, तो यह दिमाग की मौलिक सोच, याददाश्त और रचनात्मकता को प्रभावित करता है।

तीन समूहों पर हुआ परीक्षण
रिसर्च के लिए 18 से 39 वर्ष के बीच के 54 प्रतिभागियों को तीन समूहों में बाँटा गया:

- Advertisement -
  1. पहले समूह ने चैटजीपीटी की मदद से निबंध लिखा।

  2. दूसरे समूह ने गूगल सर्च का इस्तेमाल किया।

  3. तीसरे समूह ने बिना किसी डिजिटल सहायता के खुद निबंध लिखा।

हर प्रतिभागी के मानसिक प्रयास का मापन ईईजी (EEG) हेडसेट के जरिए किया गया।

चौंकाने वाले नतीजे

  • चैटजीपीटी उपयोग करने वाले प्रतिभागियों के दिमाग में 32 क्षेत्रों में न्यूनतम मस्तिष्क उत्तेजना दर्ज की गई।

  • उनके लेखन में गहराई और भावना की कमी पाई गई।

  • समय के साथ उनमें मौलिकता, एकाग्रता और मानसिक प्रयास में गिरावट देखी गई।

दूसरे समूहों का प्रदर्शन बेहतर

  • गूगल सर्च करने वाले प्रतिभागियों ने भी ज्यादा सक्रिय सोच का प्रदर्शन किया।

  • जबकि बिना किसी सहायता के लिखने वालों में सबसे उच्च मानसिक गतिविधि देखी गई, खासकर दिमाग के वे हिस्से जो याददाश्त, रचनात्मकता और एकाग्रता से जुड़े हैं।

निष्कर्ष:
इस अध्ययन के परिणाम स्पष्ट संकेत देते हैं कि लगातार चैटजीपीटी जैसे AI टूल्स पर निर्भर रहना इंसानी मस्तिष्क की प्राकृतिक क्षमता को सीमित कर सकता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि अगर रचनात्मक या विश्लेषणात्मक सोच बनाए रखनी है, तो टेक्नोलॉजी के संतुलित उपयोग की जरूरत है।


सावधानी जरूरी है:
AI से काम जरूर आसान होता है, लेकिन यदि हर कार्य के लिए इसका सहारा लिया जाए, तो यह हमारी मानसिक क्षमता को धीरे-धीरे कम कर सकता है।


Share News

editor June 20, 2025
Share this Article
Facebook TwitterEmail Print

Latest Post

बीकानेर में तांत्रिक की ठगी और ट्रिपल मर्डर का सनसनीखेज खुलासा
बीकानेर
बीकानेर बैडमिंटन एसोसिएशन पर खिलाड़‍ियों ने लगाए गंभीर आरोप
बीकानेर
राजस्थान वित्त निगम लगाएगा औद्योगिक शिविर, युवाओं को सस्ती दरों पर मिलेगा ऋण
Business राजस्थान
राजस्थान में अगले 3 दिन भारी बारिश का अलर्ट, 28 जिलों में येलो-ऑरेंज चेतावनी
राजस्थान
बोइंग 787 मामले में झूठी जानकारी देने पर दो क्रू मेंबर्स की नौकरी गई
देश-दुनिया
नयाशहर मंडल ने उत्साह से मनाया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
बीकानेर
कुम्हारों के मोहल्ले में मिला भ्रूण, इलाके में मचा हड़कंप
बीकानेर
जेब में ब्लास्ट से मोबाइल फटा, गर्मी में हादसे का अलर्ट
बीकानेर

You Might Also Like

राजस्थानशिक्षा

राजस्थान शिक्षा में परीक्षाएं, काउंसलिंग और प्रवेश को लेकर बड़े निर्णय

Published June 18, 2025
राजस्थानशिक्षा

रिजल्ट खराब तो कार्रवाई, अच्छा रहा तो मिलेगा सम्मान: शिक्षकों को चेतावनी

Published June 17, 2025
राजस्थानशिक्षा

Rajasthan University ने MA 2025 परीक्षा शेड्यूल जारी किया, जानें पूरा टाइम टेबल

Published June 15, 2025
शिक्षा

NEET में MBBS नहीं मिला? मेडिकल क्षेत्र में ये विकल्प भी शानदार हैं

Published June 15, 2025

© Copyright 2022, All Rights Reserved Khabar21 | Designed by Uddan Promotions Pvt. Ltd.

Join WhatsApp Group

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?