


आगामी मानसून सीजन के दौरान संभावित बाढ़ और अतिवृष्टि की परिस्थितियों को देखते हुए जिला प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाते हुए पेट्रोल पंप संचालकों और गैस एजेंसियों को ईंधन और घरेलू गैस सिलेंडरों का न्यूनतम भंडारण अनिवार्य किया है।
जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट नम्रता वृष्णि द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, जिले के सभी पेट्रोलियम विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि वे 30 सितंबर 2025 तक 2000 लीटर डीजल और 1000 लीटर पेट्रोल का न्यूनतम स्टॉक अनिवार्य रूप से अपने पंप पर आरक्षित रखें। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि यह स्टॉक डेड स्टॉक से अलग होगा और आपातकालीन स्थिति में आवश्यक आपूर्ति के लिए रखा जाएगा।
आपात स्थिति में बाधा न आए
आदेश में यह भी कहा गया है कि बाढ़ग्रस्त या कटे हुए इलाकों में आपूर्ति बनाए रखने के उद्देश्य से यह व्यवस्था की जा रही है, ताकि किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय आवश्यक सेवाओं में ईंधन की किल्लत न हो। यह स्टॉक जरूरत पड़ने पर आपदा प्रबंधन और प्रभावित आमजन को राहत पहुंचाने में उपयोग किया जाएगा।
गैस एजेंसियों को भी निर्देश
इसी क्रम में घरेलू रसोई गैस की आपूर्ति बनाए रखने के लिए जिले की प्रत्येक अधिकृत गैस एजेंसी को भी आदेश दिए गए हैं कि वे कम से कम 25 घरेलू एलपीजी सिलेंडर 30 सितंबर 2025 तक अपने गोदाम में आरक्षित स्टॉक के रूप में सुरक्षित रखें। यह कदम विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए उठाया गया है, जहां मानसून के दौरान मार्ग बाधित होने की संभावना बनी रहती है।
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प्रशासन की सख्त निगरानी
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस आदेश की पालना सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर निरीक्षण किया जाएगा। कोई भी विक्रेता या एजेंसी इन निर्देशों की अनदेखी करती है तो उनके विरुद्ध आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
मानसून को लेकर प्रशासन सतर्क
प्रशासन ने जिले के सभी आपदा प्रबंधन अधिकारियों, नगर निकायों और पंचायत प्रतिनिधियों को निर्देशित किया है कि वे मानसून की तैयारियों की नियमित समीक्षा करें। साथ ही आवश्यक सामग्री, नाव, सर्च लाइट, जनरेटर आदि की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए।