


जयपुर। राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। जयपुर की जिला अदालत ने 11 साल पुराने एक मामले में कांग्रेस के दो विधायकों सहित कुल नौ लोगों को एक-एक साल की सजा सुनाई है। यह फैसला ACJM-19 अदालत की ओर से बुधवार को सुनाया गया, जिसमें आरोपियों को सार्वजनिक मार्ग अवरुद्ध करने और विधि विरुद्ध जमावड़ा करने का दोषी ठहराया गया है।
किन लोगों को मिली सजा?
सजा पाने वालों में शामिल हैं:
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मुकेश भाकर, विधायक, लाडनूं
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मनीष यादव, विधायक, शाहपुरा
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अभिषेक चौधरी, कांग्रेस प्रत्याशी, झोटवाड़ा
साथ ही, राजेश मीणा, रवि किराड़, वसीम खान, द्रोण यादव, भानूप्रताप सिंह और विद्याधर मील को भी दोषी करार दिया गया है।
क्या है मामला?
यह प्रकरण 13 अगस्त 2014 का है, जब राजस्थान यूनिवर्सिटी, जयपुर के मुख्य द्वार के बाहर प्रदर्शन करते हुए जेएलएन मार्ग को लगभग 20 मिनट तक अवरुद्ध किया गया था। इस कारण आम जनता को भारी परेशानी हुई थी। पुलिस ने 2016 में इस मामले का चालान पेश किया था और ट्रायल करीब आठ साल तक चला।

अभियोजन पक्ष ने क्या कहा?
सरकारी अधिवक्ता कविता पिंगोलिया ने जानकारी दी कि अभियोजन पक्ष ने अदालत में पर्याप्त गवाह और साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिससे सभी आरोपियों की संलिप्तता साबित हो गई। अदालत ने IPC की धारा 143 और 341 के तहत दोषी मानते हुए सजा सुनाई।
जमानत पर रिहा, हाईकोर्ट में जा सकते हैं
हालांकि, अदालत ने सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद सभी आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि आरोपियों को अपील करने के लिए एक माह का समय दिया गया है। ऐसे में सभी दोषी अब राजस्थान हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती दे सकते हैं।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया क्या रही?
फिलहाल कांग्रेस पार्टी की ओर से इस निर्णय पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। मगर सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व इस मामले की कानूनी समीक्षा कर रहा है और आगे की रणनीति जल्द तय की जाएगी।
यह मामला जहां न्यायिक प्रक्रिया की निष्पक्षता को दर्शाता है, वहीं सत्तारूढ़ दल के भीतर भी कानूनी दायित्वों की गंभीरता को उजागर करता है। फैसले के राजनीतिक असर भी आने वाले समय में देखने को मिल सकते हैं।