आमिर खान ने सेंसर बोर्ड पर उठाए सवाल, बताया फिल्मों में पाकिस्तान पर लगी थी रोक
बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता आमिर खान ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ा एक अहम और चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1998 से पहले भारतीय फिल्मों में सेंसर बोर्ड की तरफ से पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) का नाम लेने पर सख्त रोक थी। यह बात उन्होंने लोकप्रिय टीवी शो ‘आप की अदालत’ में कही।
सिर्फ ‘पड़ोसी मुल्क’ कहने की इजाजत
आमिर ने बताया कि फिल्म निर्माताओं को मजबूरन “पाकिस्तान” की जगह “पड़ोसी मुल्क” जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना पड़ता था। उनकी 1999 में रिलीज हुई फिल्म ‘सरफरोश’ इस दिशा में एक बड़ा मोड़ साबित हुई। उन्होंने कहा, “सरफरोश पहली फिल्म थी, जिसमें हमने खुलकर पाकिस्तान और आईएसआई का नाम लिया। उससे पहले सिर्फ सांकेतिक भाषा में बात की जाती थी।”
‘दंगल’ को लेकर पाकिस्तान की शर्त ठुकराई
आमिर ने अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘दंगल’ (2016) को लेकर भी एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के सेंसर बोर्ड ने तिरंगे और राष्ट्रगान को हटाने की शर्त पर फिल्म को वहां रिलीज करने की इजाजत देने की बात कही थी। इस पर आमिर ने दो टूक जवाब दिया, “मैंने उसी क्षण निर्णय लिया कि हमारी फिल्म पाकिस्तान में रिलीज नहीं होगी। मुझे ऐसा कारोबार नहीं चाहिए।”
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‘सरफरोश’ के लिए सेंसर बोर्ड से बहस
आमिर ने आगे बताया कि ‘सरफरोश’ के डायरेक्टर जॉन मैथ्यू मत्थान को सेंसर बोर्ड ने पाकिस्तान और आईएसआई का नाम हटाने को कहा था। इस पर आमिर ने तर्क दिया कि जब संसद में गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी पाकिस्तान और आईएसआई का नाम ले सकते हैं, तो फिल्मों में ऐसा क्यों नहीं हो सकता। इस तर्क के बाद फिल्म को बिना बदलाव के मंजूरी मिल गई।
फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ के प्रमोशन में व्यस्त
इन दिनों आमिर खान अपनी अगली फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ के प्रमोशन में जुटे हुए हैं, जो 20 जून 2025 को रिलीज होने जा रही है। आमिर के इस बयान ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है, जहां लोग उनकी बेबाकी और देशभक्ति की सराहना कर रहे हैं।
आमिर खान के इस खुलासे ने एक बार फिर सेंसरशिप और फिल्म की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर पुराने दौर के रवैये पर सवाल खड़े कर दिए हैं।