


अहमदाबाद, 13 जून। अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे में आग लगने के बाद तापमान इतना ज्यादा बढ़ गया कि बचाव कार्य लगभग असंभव हो गया। अधिकारियों के अनुसार, विमान के भीतर और आसपास का तापमान 1,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। हादसे में 265 लोगों की दर्दनाक मृत्यु हो गई, जिसमें विमान में सवार सभी 242 यात्री और चालक दल के सदस्य शामिल थे।
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और अग्निशमन विभाग के अनुसार, इस भयंकर तापमान और ईंधन विस्फोट के कारण न सिर्फ इंसानों को, बल्कि आसपास मौजूद जानवरों और पक्षियों तक को बचने का मौका नहीं मिला।
ईंधन से भरा था विमान
एयर इंडिया की यह उड़ान लंदन के लिए रवाना हुई थी, लेकिन टेकऑफ के कुछ मिनट बाद ही विमान अहमदाबाद के एक रिहायशी क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जानकारी दी कि विमान में करीब 1.25 लाख लीटर जेट ईंधन भरा हुआ था, जो आग की भयावहता का कारण बना।
एसडीआरएफ नहीं निकाल सकी कोई जीवित व्यक्ति
एसडीआरएफ के अधिकारियों ने बताया कि उनकी टीमें बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल और स्टाफ क्वार्टर्स के पास दोपहर लगभग 2 से 2:30 बजे के बीच पहुंचीं। वहां तक पहुंचने से पहले स्थानीय लोगों ने कुछ लोगों को जिंदा बाहर निकाला, लेकिन उनकी टीम किसी को भी जीवित नहीं निकाल सकी।
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अग्निशमन अधिकारी बोले — ऐसा मंजर पहली बार देखा
एक वरिष्ठ अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि जैसे ही विमान का ईंधन टैंक फटा, तीव्र लपटों के साथ तापमान तेजी से 1,000 डिग्री तक पहुंच गया। उन्होंने कहा, “हमने पहले भी आपदाएं देखी हैं, लेकिन इतनी भीषण और विनाशकारी स्थिति कभी नहीं देखी।”
उन्होंने यह भी बताया कि टीम पीपीई किट पहनकर पहुंची थी, लेकिन अत्यधिक गर्मी और धुएं के कारण ऑपरेशन करना बेहद मुश्किल हो गया।
प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं और केंद्र एवं राज्य सरकार की टीमें राहत व पुनर्वास कार्य में जुटी हुई हैं।