Khabar21
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Reading: जब कोर्ट ने प्रधानमंत्री को कठघरे में बिठाया और इतिहास बदल गया
Share
Aa
Aa
Khabar21
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Search
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Follow US
Khabar21 > Blog > देश-दुनिया > जब कोर्ट ने प्रधानमंत्री को कठघरे में बिठाया और इतिहास बदल गया
देश-दुनिया

जब कोर्ट ने प्रधानमंत्री को कठघरे में बिठाया और इतिहास बदल गया

editor
editor Published June 12, 2025
Last updated: 2025/06/12 at 3:00 PM
Share
SHARE
Chat on WhatsApp
Share News

12 जून 1975 का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक बड़ा मोड़ लेकर आया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा ने रायबरेली सीट से चुनी गई तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द करते हुए छह साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया। यह निर्णय राज नारायण द्वारा दायर उस याचिका के आधार पर आया था, जिसमें चुनावी धांधली और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के आरोप लगाए गए थे।

यह पहली बार था जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री को कोर्ट में पेश होकर कठघरे में खड़ा होना पड़ा। 18 और 19 मार्च 1975 को इंदिरा गांधी खुद कोर्ट में उपस्थित हुईं, जहां उनसे दो घंटे तक सवाल-जवाब हुए। उन्हें एक विशेष कुर्सी दी गई थी ताकि वह जज के सामने बैठ सकें।

जस्टिस सिन्हा ने तमाम दबावों के बावजूद निष्पक्ष फैसला दिया। फैसला आने से पहले उन्होंने अपने स्टेनो के लिए कोर्ट परिसर के पास रहने की व्यवस्था की थी ताकि गोपनीयता बनी रहे। फैसले के बाद कोर्ट रूम में सन्नाटा छा गया। इंदिरा गांधी के वकील ने तुरंत स्थगन की अर्जी दी, जिसे जस्टिस सिन्हा ने 20 दिन की मोहलत के साथ स्वीकार किया।

हालांकि, इस फैसले के बाद कांग्रेस ने इंदिरा गांधी को फिर से अपना नेता चुना और उन्होंने 25 जून 1975 को देश में आंतरिक आपातकाल घोषित कर दिया। इसके साथ ही मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए, प्रेस की स्वतंत्रता पर रोक लगाई गई और विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया।

- Advertisement -

इस केस में गवाही देने वालों में लालकृष्ण आडवाणी, कर्पूरी ठाकुर और एस निजलिंगप्पा शामिल थे। इंदिरा गांधी का पक्ष एस सी खरे ने रखा, जबकि राज नारायण की ओर से शांति भूषण ने दलीलें दीं। यह मुकदमा पहले ब्रिटिश जज विलियम ब्रूम के समक्ष सूचीबद्ध था, लेकिन उनके सेवानिवृत्त होने के बाद यह जस्टिस सिन्हा को सौंपा गया।

25 जून की रात को जब आपातकाल की घोषणा हुई, तब लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी बेंगलुरु में थे। उन्हें फोन पर इसकी जानकारी मिली और दोनों ने स्वेच्छा से गिरफ्तारी दी। इस घटना ने भारत की राजनीति और लोकतंत्र को गहरे स्तर पर प्रभावित किया।


Share News

editor June 12, 2025
Share this Article
Facebook TwitterEmail Print

Latest Post

बीकानेर: पुलिस की बड़ी कार्रवाई, MD ड्रग और भारी मात्रा में शराब बरामद
बीकानेर
बीकानेर-बांद्रा ट्रेन में AC कोच से उठा धुआं, यात्रियों में मची अफरा-तफरी
बीकानेर
15 नवंबर को मोहन भागवत का उद्बोधन, ‘एकात्म मानववाद’ पर प्रबुद्ध वर्ग से संवाद
बीकानेर
दिल्ली ब्लास्ट के नाम पर साइबर ठगी का नया जाल, राजस्थान पुलिस ने जारी किया अलर्ट
बीकानेर
बीकानेर: नशे में गाड़ी दौड़ाने वाले दो चालक गिरफ्तार, पुलिस ने वाहन किए सीज
बीकानेर
बीकानेर के PBM ट्रॉमा सेंटर की अव्यवस्था उजागर, CCTV बंद और जांच सेवाएं ठप
बीकानेर
स्कूल के लिए निकली 16 वर्षीय छात्रा लापता, परिवार परेशान, पुलिस ने जांच शुरू की
बीकानेर
अलसुबह पुलिस का बड़ा सर्च अभियान, नकदी और वाहन जब्त, चार संदिग्ध पकड़े गए
बीकानेर

You Might Also Like

देश-दुनिया

जमात-ए-इस्लामी पर बड़ी कार्रवाई, 200 ठिकानों पर छापेमारी, कई गिरफ्तार

Published November 12, 2025
देश-दुनिया

NEET टॉपर डॉक्टर उमर का नाम दिल्ली ब्लास्ट में, जांच में आया राजस्थान कनेक्शन

Published November 12, 2025
देश-दुनिया

साइबर ठगों का नया तरीका: डीलरशिप के नाम पर लाखों की ठगी, पुलिस ने दी चेतावनी

Published November 11, 2025
देश-दुनिया

धर्मेंद्र के निधन की खबर झूठी, बेटी ईशा और हेमा मालिनी ने दी सफाई

Published November 11, 2025
Khabar21
Follow US

© Copyright 2022, All Rights Reserved Khabar21 | Designed by Uddan Promotions Pvt. Ltd.

  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
Join WhatsApp Group

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?