


ऑपरेशन सिंदूर: 11 पाक एयरबेस ध्वस्त, भारत ने 19 ब्रह्मोस मिसाइलों से दी बड़ी कार्रवाई
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य टकराव के दौरान भारतीय सेना द्वारा किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” की पूरी जानकारी सामने आ गई है। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान के 11 प्रमुख एयरबेस को टारगेट करते हुए 19 ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल किया।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के समन्वय से संचालित एक उच्चस्तरीय रणनीतिक अभियान था, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान की सैन्य संरचनाओं को कमजोर करना और आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था।
वायुसेना ने किया निर्णायक हमला
भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन के दौरान फ्रांसीसी स्कैल्प क्रूज मिसाइलों का भी उपयोग किया। कुल मिलाकर 19 ब्रह्मोस और लगभग इतनी ही स्कैल्प मिसाइलें दागी गईं, जिससे पाकिस्तान के कई एयरबेस, रडार स्टेशन और सैन्य संचार ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा।
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दुश्मन के फाइटर जेट और रडार सिस्टम नष्ट
भारतीय रक्षा प्रणाली ने चार पाकिस्तान-चीनी फाइटर जेट, दो एयरबोर्न अर्ली वार्निंग विमान (C-130J और SSB 2000) को मार गिराया। इसके अलावा, भारत ने जवाबी कार्रवाई में चीनी तकनीक से बने HQ-9 रडार, LY-80 फायर रडार और अमेरिका निर्मित AN/TPQ-43 रडार को भी नष्ट किया।

पाकिस्तान का जवाब और विफल प्रयास
पाकिस्तान ने चीन निर्मित PL-15 एयर टू एयर मिसाइलों और CM-400 AKG सुपरसोनिक मिसाइलों से जवाब देने की कोशिश की, लेकिन भारत की S-400, आकाश और D4S एंटी-ड्रोन तकनीक ने हर हमले को नाकाम कर दिया।
ड्रोन और रॉकेट हमले भी रहे निष्प्रभावी
पाकिस्तान द्वारा दागे गए FATAH-1 रॉकेट और YIHA लोइटरिंग ड्रोन को भारत की एयर डिफेंस यूनिट्स ने हवा में ही नष्ट कर दिया, जिससे भारतीय ठिकानों को कोई क्षति नहीं पहुंची।
आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले
भारत ने 7 मई को आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर भी कार्रवाई की। लाहौर के पास मुरीदके में लश्कर के मुख्यालय पर क्रिस्टल मेज मिसाइलें दागी गईं, जबकि बहावलपुर में जैश के ठिकानों को राफेल विमानों से स्कैल्प मिसाइलों द्वारा निशाना बनाया गया।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य क्षमताओं और सामरिक योजना का जीवंत उदाहरण बना। यह कार्रवाई सिर्फ सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाने तक सीमित नहीं थी, बल्कि भारत ने अपने नागरिकों और सीमाओं की सुरक्षा का स्पष्ट संदेश भी दिया। ऑपरेशन के बाद रक्षा मंत्रालय ने सभी बलों को युद्ध सामग्री का भंडार पुनः भरने का निर्देश दिया है।