


दिल्ली में 9 साल की बच्ची से दरिंदगी: सूटकेस में मिला शव, लोगों में आक्रोश, सरकार से जवाब मांग रही ‘आप’
दिल्ली में मानवता को शर्मसार करने वाली एक और वारदात सामने आई है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के नेहरू विहार इलाके में शनिवार रात एक 9 वर्षीय बच्ची का शव खून से लथपथ हालत में एक सूटकेस में मिला। इस घटना के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया है, वहीं दिल्ली की कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
इलाके में तनाव, लोग सड़कों पर
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसके चेहरे पर चोटों के निशान पाए गए, जिससे पुलिस को यौन उत्पीड़न की आशंका है। प्रथम दृष्टया मामला यौन हिंसा और हत्या का प्रतीत हो रहा है। पुलिस ने बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और जांच शुरू कर दी है।
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कानून व्यवस्था पर उठे सवाल, ‘आप’ ने घेरा भाजपा सरकार को
इस मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है। आम आदमी पार्टी की नेता और दिल्ली की पूर्व मंत्री आतिशी ने इस घटना को लेकर भाजपा सरकार को घेरा है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सवाल उठाए—”दिल्ली में 9 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के लिए कौन जिम्मेदार है? कानून व्यवस्था क्यों चरमराई हुई है? भाजपा की चार-इंजन सरकार होने के बावजूद हमारी बेटियां असुरक्षित क्यों हैं?”
उन्होंने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस मुद्दे पर जवाब मांगा है।

पुलिस ने शुरू की सख्त जांच
दयालपुर थाने में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की प्रासंगिक धाराओं और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत केस दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों का पता लगाने के लिए कई टीमें तैनात की गई हैं और साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। जांच के लिए आसपास के सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा रही है।
सामाजिक चेतना की ज़रूरत
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हम बच्चों की सुरक्षा को लेकर समाज और व्यवस्था के स्तर पर कितने सजग हैं। ऐसे अपराध सिर्फ कानून व्यवस्था की नाकामी नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना की भी कमी का संकेत हैं। समाज को एकजुट होकर ऐसे अपराधों के खिलाफ खड़ा होना होगा, ताकि कोई और मासूम इस हैवानियत का शिकार न हो।
निष्कर्ष
बच्चियों की सुरक्षा केवल सरकार की नहीं, पूरे समाज की जिम्मेदारी है। इस घटना से सबक लेते हुए हमें न सिर्फ सख्त कानून लागू करने होंगे, बल्कि जागरूकता भी बढ़ानी होगी, ताकि समाज सुरक्षित और मानवीय बना रह सके।