


राजस्थान में हर ग्राम पंचायत में पशु चिकित्सालय खोले जाएंगे, पशुपालकों को मिलेगा लाभ
राजस्थान सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए राज्य की हर ग्राम पंचायत में पशु चिकित्सालय खोलने का निर्णय लिया है। इस कदम से पशुपालकों को बड़ा लाभ मिलेगा, क्योंकि अब उन्हें बीमार पशुओं को इलाज के लिए दूर-दूर तक ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी। चिकित्सालयों की स्थापना से पशु उपचार में आसानी होगी और पशुपालकों को एक ही जगह पर सभी स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
केबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने इस पहल का जिक्र करते हुए कहा कि राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में पशुपालन न केवल रोजगार का प्रमुख साधन है, बल्कि यह क्षेत्र सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि राजस्थान देश का दूसरा सबसे बड़ा पशुधन उत्पादक राज्य है, और यहां के रेगिस्तानी इलाकों में पशुपालन न केवल दूध, बल्कि मांस, बाल और फर जैसे संसाधनों के माध्यम से आजीविका का एक अहम स्रोत है।

पशुपालन के क्षेत्र में राज्य सरकार की पहल
मंत्री कुमावत ने यह बात पाली जिले के सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र के गांव रोजड़ा में आयोजित एक समारोह में कही। उन्होंने कहा कि अब पशुपालन एक स्टार्टअप के रूप में उभर रहा है, और इसने राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कुमावत ने यह भी कहा कि राज्य सरकार हमेशा पशुपालकों की समस्याओं का समाधान करने के लिए तैयार है, और उन्हें इसका लाभ उठाना चाहिए।
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इस योजना के तहत हर ग्राम पंचायत में पशु चिकित्सालय खोलने से ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों को अपनी समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर मिलेगा, जिससे उनका समय और खर्च दोनों बचेंगे।