

ऑपरेशन सिंदूर पर विवाद: क्या पाकिस्तान को पहले ही दी गई थी हमले की जानकारी?
कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा 7 मई को किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर अब सियासी घमासान शुरू हो गया है। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। लेकिन अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर के एक बयान ने इस कार्रवाई को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विदेश मंत्री की स्वीकारोक्ति से मचा बवाल
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में स्वीकार किया कि भारत ने ऑपरेशन शुरू करने से पहले पाकिस्तान को आगाह किया था कि यह हमला आतंकवादियों के ठिकानों पर होगा, न कि सेना पर, और पाकिस्तान सेना को इसमें हस्तक्षेप न करने का विकल्प दिया गया था। इस बयान के बाद कांग्रेस और पूर्व सैनिकों ने सरकार से जवाबदेही की मांग शुरू कर दी है।
राहुल गांधी का तीखा हमला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे “गंभीर रणनीतिक चूक” बताते हुए कहा कि अगर वाकई पाकिस्तान को पहले से सूचित किया गया था तो इससे हमारी वायुसेना और सैन्य रणनीति को बड़ा नुकसान पहुंचा है। उन्होंने पूछा, “इस फैसले की मंजूरी किसने दी थी? इससे हमारी ऑपरेशनल सुरक्षा कितनी प्रभावित हुई?”
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पूर्व कर्नल रोहित चौधरी ने सरकार पर उठाए सवाल
कांग्रेस के पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और रिटायर्ड कर्नल रोहित चौधरी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मैंने सीडीएस जनरल अनिल चौहान का बयान देखा, जिसमें उन्होंने माना कि भारतीय विमानों के गिरने के पीछे एक ‘टैक्टिकल मिस्टेक’ थी। इसका मतलब साफ है कि 6 और 7 मई की रात कुछ ऐसा हुआ जो देश से छुपाया जा रहा है।”

क्या पहले से जानकारी देना थी रणनीतिक भूल?
कर्नल चौधरी ने कहा कि जब विदेश मंत्री खुद मान रहे हैं कि पाकिस्तान को ऑपरेशन की सूचना पहले दी गई थी, तो यह खुद में एक गंभीर चूक है। “हमने दुश्मन को पहले ही बता दिया कि हम हमला करने वाले हैं। इससे ‘शॉक फैक्टर’ खत्म हो गया और संभव है कि इससे हमारे पायलटों को नुकसान हुआ हो,” उन्होंने कहा।
संसद सत्र बुलाने की मांग
कर्नल चौधरी ने कहा, “इस पूरे मामले पर सरकार को चुप्पी तोड़नी होगी। यह सेना के साथ विश्वासघात जैसा है। हमें जानना होगा कि पाकिस्तान को हमले की सूचना क्यों दी गई, इसके पीछे किसका आदेश था और इस निर्णय से क्या नुकसान हुआ। सरकार को संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए और इस विषय पर खुली चर्चा करनी चाहिए।”
सरकार की चुप्पी पर सवाल
अब यह मामला सिर्फ सैन्य रणनीति तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सरकार की जवाबदेही और पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। विपक्ष और पूर्व सैन्य अधिकारी अब एक स्वर में जवाब मांग रहे हैं कि आखिर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की रणनीति में यह संभावित चूक क्यों और कैसे हुई।