राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा 5 जून को, जानें तीन दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम का पूरा शेड्यूल
अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन 5 जून 2024 को सम्पन्न होगा। इस ऐतिहासिक अवसर के लिए तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान 2 जून से आरंभ होंगे, जो वैदिक परंपराओं के अनुसार संपन्न किए जाएंगे। आयोजन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं और इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अनेक संत-महात्मा और विद्वान आचार्य हिस्सा लेंगे।
31 मई से होंगे धार्मिक कार्यों की शुरुआत
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि पूरे आयोजन की शुरुआत 31 मई को मंदिर परिसर में स्थित शिव मंदिर में नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा से की जाएगी।
2 जून को निकलेगी भव्य कलश यात्रा
2 जून को सरयू नदी के तट से श्रीराम मंदिर तक एक भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी, जो श्रद्धालुओं और आचार्यों की उपस्थिति में वैदिक विधि से सम्पन्न होगी।
- Advertisement -
3 जून से शुरू होंगे मुख्य अनुष्ठान
3 जून से राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य अनुष्ठान आरंभ होंगे। इस दिन यज्ञ मंडप पूजन, पंचांग पूजन, देवताओं का आह्वान, ग्रह यज्ञ, अग्नि स्थापना और हवन जैसे धार्मिक कर्मकांड सम्पन्न होंगे। साथ ही मूर्तियों का जलाधिवास भी प्रारंभ होगा, जो मूर्तियों को शुद्ध और ऊर्जा-युक्त करने की प्रक्रिया है।
4 जून को पालकी यात्रा और अधिवास
4 जून को मंदिर में पालकी यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें राम दरबार की मूर्तियों को शास्त्रीय विधि से घुमाया जाएगा। इसी दिन विविध अधिवासों का आयोजन किया जाएगा, जो मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी का भाग हैं।
5 जून को राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा
5 जून को ज्येष्ठ शुक्ल दशमी और गंगा दशहरा के पावन अवसर पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होगी। इसी दिन द्वापर युग के प्रारंभ और गंगा अवतरण की मान्यता भी है, जिससे यह तिथि अत्यंत पावन मानी जाती है।
प्रथम तल पर स्थापित होंगी प्रमुख मूर्तियाँ
इस दिन मंदिर के प्रथम तल पर भगवान श्रीराम, लक्ष्मण जी तथा सप्त मंदिरों में सात प्रमुख देवी-देवताओं की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। ये सभी मूर्तियाँ पहले से अयोध्या लाकर मंदिर में सुरक्षित स्थापित की जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रहेंगे मुख्य अतिथि
इस शुभ अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में अयोध्या और काशी के कुल 101 विद्वान वैदिक आचार्य हिस्सा लेंगे। इसके अतिरिक्त करीब 20 संत-महंत, 15 प्रमुख गृहस्थ और ट्रस्ट के पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया है।
यह आयोजन न केवल धार्मिक रूप से ऐतिहासिक है, बल्कि राष्ट्रीय आस्था और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक भी बन चुका है।