


पश्चिमी राजस्थान में आंधी-तूफान से तबाही, बिजली व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित
शनिवार देर शाम मौसम विभाग ने पश्चिमी राजस्थान के आधा दर्जन जिलों में आंधी और तूफान का अलर्ट जारी किया था। यह तूफान पाकिस्तान से उठा था और रात करीब साढ़े नौ बजे बीकानेर में इसकी एंट्री हुई। तूफान की धूल और अंधकार ने पूरी रात शहर के अधिकांश हिस्सों को अपनी चपेट में लिया, जिससे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत तो मिली, लेकिन लाइट न होने के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
मौसम के इस बदलाव में तेज हवाएं चलने से आंधी की रफ्तार करीब 85 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई। इस तूफान ने शहरी और ग्रामीण इलाकों में भारी तबाही मचाई। बिजली के खंभे गिर गए, तार टूट गए, और विभिन्न उपकरणों को भी नुकसान हुआ। कई जगहों पर बिजली आपूर्ति ठप हो गई। तेज हवाओं के कारण सैकड़ों पेड़ गिर गए, छप्पर और टीनशेड उड़ गए, और ईंट भट्टों में भीषण आग लग गई।
बीकानेर शहर में भी तेज आंधी के कारण कई स्थानों पर पेड़ गिर गए और विज्ञापन होर्डिंग्स सड़कों पर गिरकर दुर्घटनाओं का कारण बने। बिजली के तारों पर पेड़ों की टहनियां गिरने से ट्रिपिंग हो गई और कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बंद हो गई। बीकानेर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई लिमिटेड के प्रवक्ता अशोक शर्मा के अनुसार, कई क्षेत्रों में बिजली के खंभे गिरने और तारों पर पेड़ की टहनियां गिरने से सप्लाई पूरी तरह से ठप हो गई। सुरक्षा कारणों से कई इलाकों में बिजली बंद कर दी गई थी। रात 11 बजे के बाद शहर के अधिकांश हिस्से अंधेरे में डूब गए।
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कई ग्रामीण क्षेत्रों जैसे महाजन, छत्तरगढ़, लूणकरणसर, बज्जू, कोलायत, नाल, गजनेर, कांकड़वाला आदि में भी धूल भरी आंधी ने जमकर कहर बरपाया। सैकड़ों पेड़ और बिजली के खंभे गिरने से गांवों में आवागमन प्रभावित हो गया। कई घरों और दुकानों के छप्पर उड़े, और खेतों में लगे सोलर पैनल भी उड़कर दूर गिर गए। रास्तों में बिखरी टहनियां और गिरे खंभे कई घंटों तक सड़क मार्ग को अवरुद्ध करते रहे।
आंधी के कारण हुए नुकसान और बिजली आपूर्ति की स्थिति में सुधार करने के लिए प्रशासन और बिजली विभाग द्वारा तत्परता से काम किया जा रहा है।