


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय को विदेशी छात्रों को दाखिला देने की अनुमति रद्द कर दी है। यह निर्णय एक पत्र के जरिए होमलैंड सिक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोएम ने हार्वर्ड को सूचित किया। अब हार्वर्ड विश्वविद्यालय को विदेशी छात्रों का पंजीकरण नहीं करने की स्थिति में रखा गया है। इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि जो मौजूदा विदेशी छात्र विश्वविद्यालय में दाखिल हैं, उन्हें दूसरे विश्वविद्यालयों में स्थानांतरित होना होगा या फिर वे देश छोड़ने के लिए मजबूर होंगे।
आइवी लीग स्कूल क्या हैं?
‘आइवी लीग स्कूल’ आठ प्रतिष्ठित अमेरिकी विश्वविद्यालयों का समूह है, जिनमें ब्राउन, कोलंबिया, कॉर्नेल, डार्टमाउथ, हार्वर्ड, प्रिंसटन, पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय और येल शामिल हैं। ये विश्वविद्यालय शिक्षा, उत्कृष्टता और सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध हैं।
हार्वर्ड पर आरोप
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने गुरुवार को एक आदेश जारी किया, जिसमें हार्वर्ड पर आरोप लगाया गया कि विश्वविद्यालय ने आतंकवाद समर्थक और अमेरिका विरोधी विचारधारा को बढ़ावा दिया है। विभाग का कहना है कि हार्वर्ड ने यहूदी छात्रों पर हमले करने की छूट दी और एक असुरक्षित माहौल तैयार किया। इसके अतिरिक्त, हार्वर्ड पर चीन के साथ साजिश करने का आरोप भी लगाया गया। विभाग के अनुसार, हार्वर्ड ने एक चीनी अर्धसैनिक समूह के सदस्यों को अपने परिसर में प्रशिक्षण भी दिया।
क्या कहा ट्रंप ने?
ट्रंप प्रशासन का आरोप है कि हार्वर्ड में विदेशी छात्रों द्वारा यहूदी विरोधी और हिंसक गतिविधियां बढ़ी हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा है। हार्वर्ड पर यह भी आरोप है कि उसने इन गतिविधियों की जानकारी अमेरिकी सरकार से साझा नहीं की।
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क्या यह कानूनी रूप से सही है?
अमेरिकी कानून के अनुसार, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के पास छात्र वीजा पर अधिकार है। वह SEVP (Student and Exchange Visitor Program) की देखरेख करता है। हार्वर्ड का SEVP प्रमाणन रद्द करके, सरकार ने विश्वविद्यालय को विदेशी छात्रों की मेज़बानी करने से रोक दिया है। हालांकि, इस तरह की कार्रवाई आम तौर पर तब होती है जब कोई विश्वविद्यालय गंभीर प्रशासनिक चूक करता है।

भारत पर असर
इस फैसले का असर भारतीय छात्रों पर भी पड़ेगा, जो हार्वर्ड में पढ़ाई कर रहे हैं या जिनका दाखिला इस साल होने वाला था। हार्वर्ड में हर साल लगभग 1000 भारतीय छात्र दाखिला लेते हैं, और इस साल 788 भारतीय छात्रों ने विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया था। भारतीय छात्रों का अमेरिका में शिक्षा प्राप्त करना देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे प्रतिवर्ष 9 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का योगदान करते हैं।
विदेशी छात्रों की संख्या
हार्वर्ड के कैम्पस में लगभग 6,800 विदेशी छात्र अध्ययन करते हैं, जो विश्वविद्यालय के कुल छात्रसंख्या का एक चौथाई से अधिक हैं। ये छात्र 100 से अधिक देशों से आते हैं, और इनमें अधिकांश स्नातक छात्र होते हैं।
इस फैसले से हार्वर्ड विश्वविद्यालय और अमेरिकी शिक्षा प्रणाली पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, खासकर उन छात्रों के लिए जो विदेशी विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अमेरिका आते हैं।