


राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिम्मेदार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की छवि को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब एसीबी के ही एक वरिष्ठ अधिकारी को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया।
जयपुर स्थित एसीबी मुख्यालय में तैनात एएसपी सुरेंद्र कुमार शर्मा को उनकी भ्रष्ट गतिविधियों के चलते सोमवार को गिरफ्तार किया गया। उनके साथ दो दलाल प्रदीप कुमार और रामराज मीणा को भी हिरासत में लिया गया है। गिरफ्तारी जयपुर एसीबी टीम द्वारा तकनीकी सबूतों के आधार पर की गई।
जानकारी के अनुसार, सुरेंद्र कुमार शर्मा पूर्व में सवाई माधोपुर में एएसपी एसीबी के पद पर कार्यरत थे और हाल ही में जयपुर मुख्यालय में अटैच किए गए थे। जांच में सामने आया कि सुरेंद्र कुमार अपने पद और प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों से अवैध लाभ लेते थे।
दलाल प्रदीप कुमार को जयपुर के प्रतापनगर स्थित एक होटल से 11 लाख रुपये नकद के साथ पकड़ा गया, जबकि रामराज मीणा को सवाई माधोपुर से 2 लाख रुपये कैश के साथ हिरासत में लिया गया।
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मुख्यालय को यह सूचना मिली थी कि रामराज मीणा, जो अवैध बजरी खनन में शामिल लोगों को संरक्षण देता है, वह दलालों के माध्यम से रिश्वत की राशि एकत्र कर अधिकारियों तक पहुंचाता है।

जांच में यह भी सामने आया कि रामराज मीणा और सुरेंद्र कुमार शर्मा सरकारी कर्मचारियों को कार्रवाई का भय दिखाकर रिश्वत लेते थे। सुरेंद्र कुमार ने शराब के ठेकेदारों से अवैध शराब की बोतलें भी प्राप्त की थीं।
एसीबी के अनुसार, दलालों के माध्यम से जिला परिवहन अधिकारियों (DTO) और अन्य सरकारी कर्मचारियों से मासिक बंधी वसूली जाती थी, जो सुरेंद्र कुमार तक पहुंचाई जाती थी। वह अधिकारियों को झूठी रिकॉर्डिंग की कहानी बताकर डराता और उनसे पैसों की मांग करता था।
फिलहाल मामले की जांच जारी है और एसीबी इस प्रकरण को लेकर अतिरिक्त साक्ष्य जुटा रही है।