


सेना में जवानों की भारी कमी, देश की सुरक्षा पर मंडराया खतरा: मेजर जनरल बख्शी
पहलगाम में हालिया आतंकी हमले ने एक बार फिर कश्मीर की संवेदनशील सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हमले से आम नागरिकों और पर्यटकों के बीच डर का माहौल बन गया है। साथ ही, रिटायर्ड वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की चिंताएं भी अब खुलकर सामने आ रही हैं।
रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी ने इस हमले के बाद सरकार की सैन्य नीति और सेना में बढ़ती रिक्तियों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना में इस समय लगभग 1.80 लाख पद खाली हैं, जिसका सीधा प्रभाव सीमाओं और आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों की सुरक्षा पर पड़ रहा है।
उन्होंने सवाल किया कि, “कोरोना के समय भर्ती रोकी गई थी, लेकिन अब क्या कारण है? क्या हम पैसे बचा रहे हैं या देश की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं?” बख्शी ने चेतावनी दी कि जवानों की संख्या में कमी के चलते अब एक ही बटालियन को दो-दो सेक्टरों की जिम्मेदारी दी जा रही है, जो पूरी तरह अव्यवहारिक और खतरनाक है।
- Advertisement -

उन्होंने सरकार से मांग की कि सेना में भर्ती प्रक्रिया को तुरंत तेज किया जाए और खाली पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाए। मेजर जनरल बख्शी ने कहा कि पहलगाम जैसे रणनीतिक और पर्यटन स्थलों की सुरक्षा कमजोर करना आत्मघाती कदम हो सकता है।
उनका यह कहना, “अगर फौज में जवान ही नहीं होंगे, तो हम किससे लड़वाएंगे?” न सिर्फ एक चेतावनी है, बल्कि हर नागरिक और नीति निर्माता को सोचने पर मजबूर करता है।
उन्होंने यह भी कहा कि पैसा बचाने की बजाय देश को सुरक्षित रखना प्राथमिकता होनी चाहिए। यह वक्त है जब सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाए जाएं, वरना परिणाम गंभीर हो सकते हैं।