


कौन है TRF, जिसने पहलगाम में हिंदू पर्यटकों को बनाया निशाना?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हो गए। इस हमले ने देशभर को झकझोर कर रख दिया है। हमला तब हुआ जब आतंकियों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और पुष्टि होते ही हिंदू पर्यटकों पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी। इस भयावह हमले की जिम्मेदारी ‘द रेसिस्टेन्स फ्रंट’ यानी TRF नाम के आतंकी संगठन ने ली है।
क्या है TRF?
TRF (The Resistance Front) एक आतंकी संगठन है, जो पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। भारत के गृह मंत्रालय के अनुसार, यह संगठन वर्ष 2019 में अस्तित्व में आया और तभी से जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।
भारत ने कब घोषित किया आतंकी संगठन?
भारत सरकार ने TRF को जनवरी 2023 में आधिकारिक रूप से आतंकी संगठन घोषित किया। यह कदम उस समय उठाया गया जब TRF लगातार कश्मीर में पत्रकारों और स्थानीय लोगों को धमका रहा था। संगठन पर जम्मू-कश्मीर में हथियारों और ड्रग्स की तस्करी, आतंकियों की घुसपैठ और स्थानीय युवाओं की भर्ती जैसे गंभीर आरोप हैं।

कैसे फैलाता है TRF अपना नेटवर्क?
TRF सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन मैसेजिंग ऐप्स के ज़रिए स्थानीय कश्मीरियों को भारत विरोधी विचारधारा से प्रभावित करता है। यह संगठन युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें भारत के खिलाफ हथियार उठाने के लिए उकसाता है। इसी मानसिकता के शिकार कई कश्मीरी युवा आतंकवाद की राह पकड़ लेते हैं।
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इस घटना ने देश को दिया गहरा ज़ख्म
पहलगाम में हुए इस हमले ने ना सिर्फ निर्दोष हिंदू पर्यटकों की जान ली बल्कि यह दर्शाता है कि आतंकियों का मकसद अब भी आम नागरिकों में भय फैलाना और साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाना है। TRF जैसे संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग अब पूरे देश में तेज हो रही है।