


राजस्थान की सांस्कृतिक परंपराओं में मायरा या भात एक गहरी भावनात्मक डोर है, जो भाई-बहन के रिश्ते को नई ऊंचाई देती है। नागौर जिले में इस परंपरा की चमक हर बार कुछ नया दिखा जाती है। पहले आठ करोड़ और फिर 13.71 करोड़ रुपये के मायरे ने जहां लोगों को चौंकाया, वहीं अब एक बार फिर नागौर के जाखन गांव का मायरा चर्चा का विषय बना हुआ है।
इस बार डॉक्टर रतन चौधरी और डॉक्टर पूनम चौधरी ने अपनी बहनों शारदा और आशा की बेटियों — सुनीता और अनीता की शादी में एक करोड़ रुपये का मायरा भरा। इस मायरे में 51 लाख रुपये नकद, 31 तोला सोना, 3 किलो चांदी और 2 चांदी के नारियल शामिल थे। यह मायरा केवल संपत्ति नहीं, बल्कि रिश्तों की गहराई और सामाजिक भावनाओं का प्रतीक बन गया।
यह पहली बार नहीं है जब नागौर के मायरे ने सुर्खियां बटोरी हों। मार्च 2025 में मेड़ता सिटी के बेदावड़ी गांव में एक ऐतिहासिक मायरा देखने को मिला था, जिसमें भाइयों ने 13.71 करोड़ रुपये का मायरा भरा था। उसमें नकद राशि के अलावा 6 प्लॉट, 80 बीघा जमीन, बोलेरो गाड़ी, ट्रैक्टर, और कीमती आभूषण शामिल थे।

नागौर जिले में मायरे की यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है, जहां भाई अपनी बहनों को सामाजिक सम्मान और आत्मीयता के साथ उपहार स्वरूप मायरा भेंट करते हैं। यह न केवल पारिवारिक संस्कारों को मजबूत करता है, बल्कि समाज में परंपराओं की महत्ता को भी जीवंत रखता है।