


नई दिल्ली.
भारत में सड़क निर्माण अब पारंपरिक तरीकों को पीछे छोड़ते हुए नई दिशा में अग्रसर हो रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि अब देश में सड़कें फैक्टरी में बनेंगी, जिससे निर्माण तेज, टिकाऊ और किफायती होगा।
गडकरी ने बताया कि नई तकनीक के तहत सिर्फ कंक्रीट मिश्रण वाला हिस्सा साइट पर तैयार किया जाएगा, जबकि प्री-कास्ट नालियां और अन्य संरचनात्मक हिस्से फैक्ट्री में बनाए जाएंगे। उन्होंने यह घोषणा उत्तर प्रदेश में एक कार्यक्रम के दौरान की और मलेशिया की तकनीक का उदाहरण देते हुए इसके लाभों को साझा किया।
गडकरी के अनुसार, इस तकनीक का प्रयोग चेन्नई मेट्रो प्रोजेक्ट में भी हो चुका है, जहां इसने लाखों रुपये की बचत और निर्माण गुणवत्ता में सुधार किया। इस प्रक्रिया में 120 मीटर की दूरी पर सिर्फ दो पिलर की जरूरत होती है, जिससे पिलरों की लागत में भारी कमी आती है।
सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता
गडकरी ने कहा कि डिवाइडर की ऊंचाई तीन फीट तक बढ़ाई जाएगी और सड़क के दोनों ओर दीवारें बनाई जाएंगी, जिससे सड़क पार करने की घटनाएं कम होंगी। साथ ही, ड्रेनेज सिस्टम के लिए प्री-कास्ट नालियां अनिवार्य की जा रही हैं, जो जलभराव की समस्या को कम करेंगी।
- Advertisement -
उत्तर प्रदेश में होगी शुरुआत
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके सलाहकार अवनीश अवस्थी से आग्रह किया कि वे इस तकनीक को उत्तर प्रदेश में लागू करें। गडकरी का मानना है कि अगर यह मॉडल सफल होता है तो पूरे देश में इसे अपनाया जा सकता है।

प्रशासनिक सुधारों पर फोकस
गडकरी ने मंत्रालय में फाइलों की धीमी गति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कई बार बिना शिकायत के कोई काम आगे नहीं बढ़ता। उन्होंने निर्णय लेने की गति तेज करने, ठेकेदारों की बैंक गारंटी लौटाने में लगने वाला समय घटाने और भूमि अधिग्रहण के लंबित मामलों को सुलझाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
तकनीकी नवाचार का भविष्य
गडकरी ने AIMC (Automated and Intelligent Machine-Assisted Construction) तकनीक को बढ़ावा देने की बात कही, जिससे रियल-टाइम डेटा के ज़रिये निर्माण की निगरानी और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकेगी।
2047 तक विश्वस्तरीय सड़कें
गडकरी ने दावा किया कि नई तकनीकों के प्रभावी उपयोग से वर्ष 2047 तक भारत की सड़कें अमेरिका से भी बेहतर होंगी। उनका विजन है कि भारत को एक सुरक्षित, तेज़ और टिकाऊ सड़क नेटवर्क से युक्त देश बनाया जाए, जिससे न केवल बुनियादी ढांचा मजबूत होगा, बल्कि देश वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी अग्रणी रहेगा।