


जयपुर।
राजस्थान के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक और दो के विद्यार्थियों को अब केवल रिपोर्ट कार्ड ही नहीं, बल्कि एक समग्र मूल्यांकन आधारित होलीस्टिक प्रगति-पत्र भी प्रदान किया जाएगा। इस नए व्यवस्था का उद्देश्य बच्चों की शैक्षणिक, व्यक्तिगत और सामाजिक दक्षताओं का संपूर्ण आंकलन करना है, ताकि उन्हें प्रारंभिक स्तर पर ही मजबूत शैक्षणिक नींव मिल सके।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत तैयार किए गए इस होलीस्टिक प्रगति-पत्र में पूरे सत्र के दौरान विद्यार्थियों द्वारा की गई गतिविधियों का विस्तृत मूल्यांकन किया जाएगा। इसमें न केवल उनकी अकादमिक प्रगति को बल्कि गैर-अकादमिक क्षेत्रों में उनके कौशल, रुझान और विकास को भी समाहित किया जाएगा।
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। प्रगति-पत्रों की ऑनलाइन प्रविष्टि शाला दर्पण पोर्टल के माध्यम से की जाएगी, जिसके बाद ये कार्ड प्रिंट कर विद्यार्थियों को वितरित किए जाएंगे।
प्रगति-पत्र की विशेषताएं:
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विद्यार्थियों की 360 डिग्री यानी चौतरफा प्रगति का आंकलन।
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अंकों के स्थान पर ग्रेडिंग प्रणाली अपनाई गई है:
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A ग्रेड: स्वतंत्र रूप से दक्षता प्राप्त करने वाले छात्र।
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B ग्रेड: शिक्षक की सहायता से मध्यम स्तर पर दक्ष छात्र।
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C ग्रेड: विशेष सहायता की आवश्यकता वाले छात्र।
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प्रगति-पत्र के प्रमुख उद्देश्य:
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विद्यार्थियों का सतत, समग्र और व्यापक मूल्यांकन करना।
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शैक्षणिक प्रगति को ग्रेड के माध्यम से मापना।
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सीखने के अंतराल को पहचानकर उसे कम करने का प्रयास।
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शैक्षणिक, सामाजिक और व्यक्तिगत कौशल को समेकित रूप से दर्ज करना।
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परिवार और विद्यालय के बीच तालमेल स्थापित करना।
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खेल आधारित पद्धति से भाषा, गणित और लेखन क्षमता का आंकलन करना।