


जयपुर।
साल 2008 में जयपुर में हुए भीषण सीरियल बम धमाकों से जुड़े एक अहम मामले में विशेष अदालत ने चार आतंकियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश रमेश कुमार जोशी की अदालत ने शुक्रवार को दोषी ठहराए गए चारों आरोपियों को सोमवार को सजा सुनाते हुए 600 पेज का विस्तृत फैसला दिया।
इन आरोपियों को सुनाई गई सजा:
दोषियों में सरवर आजमी, सैफुरहमान, मोहम्मद सैफ और शाहबाज अहमद शामिल हैं। इन सभी को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (साजिश), 121ए (राजद्रोह की साजिश), 124ए (देशद्रोह), 153ए (सम्प्रदायिकता फैलाना), 307 (हत्या का प्रयास), यूएपीए एक्ट 1967 की धारा 18 (आतंकी साजिश), तथा विस्फोटक अधिनियम 1908 की धारा 4 और 5 के तहत दोषी करार दिया गया है।
यह मामला उस समय सामने आया था जब 13 मई 2008 को जयपुर में हुए आठ सीरियल धमाकों के कुछ ही देर बाद चांदपोल हनुमान मंदिर के पास एक जिंदा बम मिला था। इस जिंदा बम से जुड़े केस में चारों आरोपियों की संलिप्तता प्रमाणित हुई।
कोर्ट ने 4 अप्रैल को चारों को दोषी ठहराया था। अब सजा सुनाए जाने के बाद भी सभी आरोपी मुस्कराते हुए कोर्ट से बाहर निकले, जिससे अदालत परिसर में मौजूद लोगों में हैरानी देखी गई।
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गौरतलब है कि इनमें से शाहबाज को छोड़ बाकी तीनों को पहले सीरियल ब्लास्ट केस में फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट ने उन्हें उस मामले में बरी कर दिया था। फिलहाल उस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
पुलिस और प्रशासन ने फैसले के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और आगे की कार्रवाई के लिए दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट में भेजे जाने की तैयारी की जा रही है।