जयपुर। रीट पेपर लीक मामले में राज्य सरकार सीबीआइ जांच कराने के पक्ष में नहीं है। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के इस पक्ष को स्वीकार करते हुए अशोक गहलोत सरकार के दौरान हुए रीट पेपर लीक मामले की सीबीआइ जांच की मांग करने वाली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और अन्य की जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया।
राज्य सरकार ने अदालत में यह तर्क दिया कि पेपर रद्द होने के बाद परीक्षा फिर से आयोजित की जा चुकी है और मामले की जांच एसओजी द्वारा की जा रही है। कोर्ट ने इस पर संतोष व्यक्त करते हुए याचिकाओं को निस्तारित कर दिया।
रीट के लिए 26 सितंबर 2021 को लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी, और उसी दिन पेपर वाट्सऐप पर लीक हो गया था। इस पर पहली एफआईआर 27 सितंबर 2021 को गंगापुर सिटी थाने में दर्ज की गई थी। इसके बाद जयपुर के सिंधी कैंप, मुहाना मंडी और श्याम नगर थाने में भी मामले दर्ज किए गए।
इस दौरान, भाजपा ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष डीपी जारौली पर भी पेपर लीक मामले में शामिल होने का आरोप लगाया। इसके बाद ABVP और अन्य संगठनों की ओर से याचिकाएं दायर की गई थीं।